मंगलवार, 24 सितंबर 2019

ये हैं मुम्बई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट



एक समय था मुम्बई क्या पूरे महाराष्ट्र में गैंगवार चरमसीमा पर था पूरी मुम्बई शहर गैंगवार के चपेट में आ गया था हप्ता वसूली हत्या ,बड़े ब्यवसाई , रियल स्टेट और होटल ब्यवसाय में इन गैंग के लोगों की इतनी दहशत हो गयी थी इन लोगों को कब हप्ता के लिए किसी गैंग का फोन आ जायेगा पता नही और अगर हप्ते की रकम उनके अनुसार नही दिया तो उनकी हत्या हो जाएगी इसके लिए हर मुम्बईवाशी हैरान व परेशान हो गया था । पुलिस की भी इन गैंग वालों से परेशान हो गयी थी मुम्बई पुलिस के कई जांबाज अधिकारियों ने इन गैंग वालों का एनकाउंटर कर कानून ब्यवस्था को ठीक करने की कोशिश में लग गए इन गैंग वालों की कमर तोड़ने में थोड़े कामयाब भी हुए इनका डर गैंगस्टरों के अंदर निर्माण भी हो गया । जिसके  चलते कुछ अधिकारियों का नाम एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चा में आया और अपराध की दुनियां में इनका कुछ खौफ भी हो गया । नब्बे के दशक में इन अधिकारियों ने कई नामचीन गुंडों का  एनकाउंटर कर मुम्बई की कानून ब्यवस्था को बकरार रखा। इन अधिकारियों की पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की बन गयी इनमें से करीब सभी एनकाउंटर स्पेशलिस्टो को लेकर बहुत विवाद भी हुवा इन लोगों को जेल भी जाना पड़ा था ।

प्रदीप शर्मा 

प्रदीप शर्मा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं ये 1983 बैच के अधिकारी थे महाराष्ट्र पुलिस में शर्मा उपनिरीक्षक के पद से शामिल हुए । शर्मा की कार्यशैली शुरू से अपराधियों के प्रति कड़क थी । नब्बे के दशक में महाराष्ट्र राज्य में सत्तापरिवर्तन हुई और शिवसेना भाजपा युति की सरकार पहली बार बनी थी उस समय मुम्बई में गैंगवार चरम सीमा पर था दाऊद की डी कंपनी और कई अलग गैंगों की आपस मे ही वर्चश्व को लेकर लड़ाई चल रही थी दिनप्रतिदिन इन गैंगों की आपसी लड़ाई बढती जा रही थी । इन गुंडों पर पुलिस को नकेल कसना मुश्मिल हो रहा था । तत्कालीन गृहमंत्री गोपीनाथ मुंडे ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक कर कहा कि कुछ भी करो लेकिन इन सभी को खत्म करो उस समय वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रदीप शर्मा व शहीद हो गए विजय सालस्कर को गुनाहगारों गैंग को खत्म करने की छूट दे दी थी । प्रदीप शर्मा ने कुल 112 एनकाउंटर कर कई गैंगस्टरों को खत्म कर दिया । शर्मा के नाम से ही कई गुनाहगारों को कंपकंपी आने लगी थी । लखन भैया एनकाउंटर मामले में प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया था  और निलंबित कर दिया गया था और कई साल जेल में भी बिताना पड़ा था पूरे 9 साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद शर्मा को न्यायालय ने सभी आरोपो से मुक्त कर दिया था । फिर शर्मा पुलिस सेवा के अंदर आ गए दुबारा सर्विस में आने के बाद ऐसा लगता था कि उनका असर कम हो गया है लेकिन विपरीत शर्मा ने धड़ाके के साथ वापसी किया दाऊद के भाई इकबाल कासकर को हप्ता वसूली के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया । निलंबन व जेल जाने की वजह से शर्मा का मन पहले जैसा पुलिस विभाग में नही लग रहा था इसके लिए शर्मा ने पुलिस सेवा से त्यागपत्र देकर  राजनीति की डगर पर चलना शुरू कर दिया और शिवसेना पार्टी में शामिल हो गए । शिवसेना ने शर्मा को नाला सोपारा विधानसभा से टिकट देकर ठाकुर के वर्चश्व को चुनौती देने की कोशिश की है ऐसी चर्चा राजनीतिक क्षेत्र में चल रही है । प्रदीप शर्मा की पहचान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट में जब हुई थी कि इन्होंने सुभाष माकड़वाला नामक गैंगस्टर का एनकाउंटर  उस समय अत्यंत आधुनिक राईफल एके 56 से किया था ।

रवीन्द्रनाथ आंग्रे 

पुलिस सेवा में रहते हुए रविन्द्र आंग्रे हमेशा चर्चा में रहे ठाणे से मुम्बई तक गुनाहगारों के लिए ये भी काल थे ।ठाणे और मुम्बई में अभी तक आंग्रे ने 53 एनकाउंटर किया है ।इसमें मुम्बई में 33 और ठाणे में 21 गुनाहगारों का समावेश है । नवी मुम्बई, डोंबिवली और अंबरनाथ इलाके में दहशत का निर्माण करने वाले कुख्यात अपराधी सुरेश मांचेकर गैंग का खात्मा आंग्रे ने ही किया था । ठाणे, भिवंडी इलाको में आंग्रे ने पूरी तरह से अपराधियों की कमर तोड़ दी थी । इसके बाद इनका नाम एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की सूची में शामिल हो गया । आंग्रे को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की सूची में नाम आने पर कोई फायदा नही हुआ फरवरी 2008 में ठाणे के रहने वाले एक बिल्डर को हप्ता के लिए धमकाने के साथ 2010 मे एक ब्यक्ति पर गोली मारने का आरोप लगा इस मामले में आंग्रे के खिलाफ मामला भी दर्ज हुआ इस मामले में आंग्रे को गिरफ्तार कर लिया गया जिसमें आंग्रे को 14 महीने जेल में रहना पड़ा था । उसके बाद न्यायालय ने आंग्रे को भी सभी आरोपों से निर्दोष मुक्त कर दिया और निलंबन को भी रद्द कर दिया था । खाकी वर्दी पर दाग लगने की वजह से आंग्रे ने पुलिस की सेवा से त्यागपत्र दे कर भाजपा में शामिल हो गए थोड़े दिन के बाद आंग्रे का मन भाजपा से भर गया तो वो भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए ।

प्रफुल्ल भोसले 

प्रफुल्ल भोसले मुम्बई पुलिस दल में 1987 में पुलिस उपनिरीक्षक के पद से जॉइन किया । इसके पहले ये सिटी बैंक में काम कर रहे थे नब्बे के दशक में प्रफुल्ल भोसले के नाम से अपराधियों को बहुत डर लगता था । अपराध जगत में इनकी पूरी धाक थी प्रफुल्ल भोसले ने नाईक गैंग, अरुण गवली गैंग, छोटा शकील गैंग के कुल 87 एनकाउंटर किया था इसके बावजूद घाटकोपर बम विस्फोट मामले में आरोपी ख्वाजा युनुस की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में नाम आया । 2003 में भोसले घाटकोपर क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे और ख्वाजा युनुस को पुलिस लॉकअप में रखा हुआ था । उसके पास से बम विस्फ़ोट की पूरी जानकारी लेने के लिए उसपर चार अधिकारियो ने थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी ऐसा आरोप लगा था ।  खबर के मुताबिक अभी जो सीआईडी ने जो रिपोर्ट न्यायालय में पेश किया है उसमें लिखा है कि हमे कोई भी सबूत इनके खिलाफ नही मिला है ।

 सचिन वाजे 

सचिन वाजे का भी नाम मुम्बई पुलिस दल में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का है इन्होंने कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन और दाऊद इब्राहीम गैंग के कई अपराधियों का एनकाउंटर किया है इनके ऊपर भी प्रफुल्ल भोसले के साथ घाटकोपर बम विस्फोट के आरोपी ख्वाजा युनुस की पुलिस हिरासत में मौत मामले में नाम था इनको एक फर्जी एनकाउंटर मामले में निलंबित किया गया था इसके बाद इन्होंने 2007 में पुलिस सेवा से त्यागपत्र दे दिया और शिवसेना में शामिल हो गए । 

दया नायक 

दया नायक ने नब्बे के दशक में 83 कुख्यात अपराधियों को यमलोक पहुचाया था जिसके वजह से अपराध की दुनिया मे पूरा अपना दबदबा बना लिया था । इनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति मामले का आरोप लगा जिसके कारण इनको निलंबित कर दिया गया था ।महाराष्ट्र पुलिस में दया नायक 1995 बैच के पुलिस उपनिरीक्षक है ।  बहुत ही कम समय मे इन्होंने अपनी कार्यकुशलता से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया था । अपने मूल गांव कर्नाटक में अपनी मां के नाम पर स्कूल बनवाया और उसका उद्घाटन शदी के महानायक अमिताभ बच्चन के हाथों कराया था यही इनके ऊपर सबसे बड़ा अपराध साबित हुआ कि इसके निर्माण के लिए इतना पैसा कहा से आया ऐसा प्रश्न का निर्माण हो गया और एंटीकरप्शन ब्यूरो (एसीबी) की तहकीकात इनके पीछे लग गयी । अपराधियों के काल दया नायक आय से अधिक संपत्ति के विवाद में फंस गए थे । इस मामले में इनकी गिरफ्तारी भी हुई और इनको पुलिस सेवा से निलंबित कर दिया गया था जमानत पर छूटने के बाद ये पूरी तरह से अज्ञातवास में चले गए थे । बड़ी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद  दया नायक फिर से कई साल पहले पुलिस सेवा में बहाल हुए अभी इनकी पोस्टिंग खार पुलिस स्टेसन में पुलिस निरीक्षक के पद पर है ।

विजय सालस्कर 

मुम्बई में हुए 26/11 आतंकी हमले में शहीद हुए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर अरुण गवली गैंग का पूरी तरह से कमर तोड़ दिया था इस गैंग के जितने कुख्यात गुंडे थे सभी का एनकाउंटर कर दिया था । गैंगेस्टर अमर नाईक और सदा पावले को गिरफ्तार करने के बाद ये चर्चा में आये थे । एक एनकाउंटर करते समय एक 18 वर्षीय युवक को गोली लगने से उसकी मृत्यु हो गयी थी इस मामले में ये परेशानी में आ गए थे पूर्व मुम्बई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया इनके सबसे बड़े पसंदीदा अधिकारी थे ।
इसके अलावा और भी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अधिकरी हैं जिन्होंने एनकाउंटर तो किया लेकिन एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की सूची में अपना नाम दर्ज नही किया वे नार्मल तरीके से अपना कार्य करते रहे । जितने लोग एनकाउंटर स्पेशलिस्ट हुए सभी के ऊपर कोई न कोई मामला दर्ज हुआ और जेल भी गए कड़ी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद निर्दोष मुक्त हुए और फिर पुलिस सेवा में बहाल हुए ।

कौन होगा राज्य का अगला मुख्यमंत्री... ? देवेंद्र फडणवीस कि और कौन .......?



मुंबई:- छत्रपति शिवाजी महाराज का वारिश का कहा जाने वाला महाराष्ट्र राज्य देश की राजनीति में हमेशा केंद्र बिंदु में रहता है। महाराष्ट्र राज्य की स्थापना होने से अभी तक राज्य में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इसके बाद कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस ने मिलकर अनेको वर्षों तक  राज्य में शासन किया है। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के अभेद्य किला में सेंध लगाने की कोशिश भाजपा शिवसेना युती ने अनेको बार किया  इसके बावजूद मात्र एक अपवाद को छोड़कर अपना गढ़ कांग्रेस राष्ट्रवादी ने अपने पास ही रखा 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा शिवसेना ने राज्य विधानसभा में भगवा लहराया और राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस आसीन हुए । 2019 विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गयी है राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए देवेंद्र फडणवीस प्रयत्न कर रहे है शिवसेना भी मुख्यमंत्री पद के लिए आतुर है राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस में मुख्यमंत्री बनने का सपना पीछे रह गया है राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला राज्य के मतदाता करेंगे 


राज्य में नाईक सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री 

कांग्रेस के वसंतराव नाईक 11 साल 77 दिन महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहे इसके बाद विलासराव देशमुख 7 वर्ष 123 दिन मुख्यमंत्री पद पर रहे।विशेष रूप से शरद पवार 6 वर्ष 123 दिन मुख्यमंत्री पद पर आसीन थे नाईक सबसे ज्यादा समय तक राज्य के मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे वसंतदादा पाटील और शरद पवार 4 बार अलग अलग समय में मुख्यमंत्री थे। शंकरराव चव्हाण और अशोक चव्हाण पिता पुत्र दोनों 2 बार मुख्यमंत्री रहे विलासराव देशमुख 2 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 


नारायण राणे को मिला 258 दिन का मुख्यमंत्री पद 

नारायण राणे 258 दिन राज्य के मुख्यमंत्री पद पर रहे शिवाजी पाटिल निलंगेकर 276 मुख्यमंत्री पद पर रहे भाजपा शिवसेना युती के आखरी समय मे राणे को मुख्यमंत्री पद दिया गया था शिवाजी पाटील निलंगेकर पर  अपनी बेटी को परीक्षा में ज्यादा नंबर दिलाने का आरोप लगा था जिसके कारण उनको मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा कई पूर्व मुख्यमंत्री राज्य में अभी भी सक्रिय है महाराष्ट्र राज्य की स्थापना होने से अभी तक 17 मुख्यमंत्री हुए है इसमें से 9 मुख्यमंत्रियों की मृत्यु हो गयी है । शरद पवार, शिवाजीराव पाटील निलंगेकर, सुशील कुमार शिंदे, नारायण राणे,अशोक चव्हाण,पृथ्वीराज चव्हाण ये सभी पूर्व मुख्यमंत्री राजनीत में अभी भी सक्रिय है मनोहर जोशी सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा नही की है फिर भी वो राजनीति के हासिये पर चले गए है ।

पश्चिम महाराष्ट्र ने दिया 6 मुख्यमंत्री

राज्य को सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री देनेवाला पश्चिमी महाराष्ट्र है पश्चिम महाराष्ट्र से 6 मुख्यमंत्री महाराष्ट्र को मिले है जिसमे यशवंतराव चव्हाण,वसंतदादा पाटील, बाबासाहेब भोसले,शरद पवार,पृथ्वीराज चव्हाण, और शुशील कुमार शिंदे का समावेश है कोकण से नारायण राणे और ए आर अंतुले मुख्यमंत्री बने मराठावाड़ा से शंकरराव चव्हाण और शिवाजीराव पाटील निलंगेकर, विलासराव देशमुख और अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री हुए विदर्भ क्षेत्र से मारोतराव कन्नमवार, वसंतराव नाईक, सुधाकरराव नाईक और देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री बने मुंबई से एक मात्र मनोहर जोशी मुख्यमंत्री बने थे ।

विरोधी पक्ष नेता सत्ताधारी पक्ष में जाकर मंत्री बना

सत्ता पर अंकुश लगाने के लिए विरोधी पक्ष नेता का होना आवश्यक हैं ऐसा कहा जाता है इसके बावजूद केवल देवेंद्र फडणवीस सरकार के समय विधानसभा में तत्कालीन विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने सत्ताधारी पक्ष में शामिल होकर मंत्री बन गए ये भारतीय राजनीति में पहला अवसर है 2005 में नारायण राणे ने भी विरोधी पक्ष नेता होते हुए भी सत्ताधारी कांग्रेस का हाथ पकड़ा था उसके तुरंत बाद मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया विशेष रूप से 1985 में शरद पवार समाजवादी कांग्रेस के विरोधी पक्ष नेता थे उन्होंने समाजवादी कांग्रेस पार्टी को कांग्रेस में विलीन कर सत्ता का स्वाद चखा था 2004 में शिवसेना के एकनाथ शिंदे थोड़े समय के लिए विरोधी पक्ष नेता की भूमिका में थे उसके बाद शिवसेना भाजपा सरकार में शामिल हो गयी और वे मंत्री बने।

अभी तक सिर्फ 2 बार राज्य में लगा था राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र राज्य की स्थापना से लेकर अभी तक सिर्फ 2 बार राष्ट्रपति शासन लगा है । 17 फरवरी 1980 से 9 जून 1980 कुल 112 दिन राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन था ।शरद पवार के नेतृत्व में पुलोद सरकार बहुमत में थी उसके बावजूद सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था । इसके बाद 28 सितंबर 2014 से 30 अक्टूबर 2014 तक थोड़े समय के लिए राष्ट्रपति शासन था क्यों कि राष्ट्रवादी कांग्रेस ने कांग्रेस से अपना समर्थन वापस ले लिया था और कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गयी थी चुनाव सिर पर था इसलिए पृथ्वीराज चव्हाण की सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए अवसर न देकर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था ।

राज्य की राजनीत में आर आर पाटिल और पतंगराव का बहुत ही योगदान 

राज्य की राजनीति में आर आर पाटिल और पतंगराव कदम का योगदान स्मरणीय है । अपने मृदु स्वभाव के चलते बहुत ही जल्द आर आर पाटिल 14 वी विधानसभा में जाने से पहले तासगांव कवठे महाकाल विधानसभा से आर आर पाटिल 6 बार चुनाव लड़ा था और हर बार चुनाव जीता था । 2014 मोदी लहर में भी आर आर पाटिल की पत्नी ने इसको कायम रखा । पतंगराव कदम का अपनी एक राजनीति का अलग अंदाज था वे अपने दल या विरोधी दल के सभी नेताओं से संबंध रखते थे जो बाद होती थी वे स्प्ष्ट कह देते थे पतंगराव का 14 वी विधानसभा के अधिवेशन के समय दिया गया भाषण अब सुनने को नही मिलेगा ।पतंगराव कदम भीलवडी - वांगी और पलुस -कडेगांव विधानसभा से 9 बार चुनाव लड़ा था जिसमे इनको 6 बार जीत मिली और 3 बार हार मिली थी ।

क्या गणपतराव विधानसभा में दिखेंगे ..?

शेतकरी कामगार और वंचित संगठनों के प्रश्न पर बोलने वाले राज्य के स्थापना से लेकर अभी तक हर एक घटनाक्रम के गवाह और साफ सुथरी राजनीत करने वाले गणपतराव देशमुख संगोला जिला सोलापुर की विधानसभा से 11 बार जीत हासिल किया और राज्य के सबसे वयोबृद्ध  नेता हैं इनकी उम्र 93 वर्ष है ।  इतनी उम्र होने के बावजूद गणपतराव देशमुख 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा किया है । गणपतराव 13 बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था जिसमे से 11 बार जीत और 2 बार हार का सामना किया था ।

एक घर से 2 मुख्यमंत्री 

राज्य में एक ही घर से 2 मुख्यमंत्री हुए हैं । इसमें दो परिवारों को इसका सन्मान मिला हुआ है । नाईक घराना पुसद जिला यवतमाल वसंतराव नाईक के पोते सुधाकरराव नाईक और चव्हाण घराना नांदेड़  के शंकरराव और उनके पुत्र अशोक चव्हाण को मिला था ।

मराठा समाज से सबसे ज्यादा हुए मुख्यमंत्री 

राज्य की स्थापना से लेकर अभी तक सबसे ज्यादा मराठा समाज से मुख्यमंत्री हुए हैं । अभी तक 17 मुख्यमंत्रियों में से 10 मुख्यमंत्री मराठा समाज से हुए हैं । इसमें यशवंतराव चव्हाण , शंकरराव चव्हाण , वसंतददा पाटिल, शरद पवार , शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर , बाबासाहेब भोसले, नारायण राणे, विलासराव देशमुख , अशोक चव्हाण   और पृथ्वीराज चव्हाण के नाम शामिल हैं । हंगामी मुख्यमंत्री के नाम से प्रसिद्ध कोकण के पी के सावंत भी मराठा ही थे । इसके अलावा राज्य में  बंजारा समाज से वसंतराव नाईक और सुधाकरराव नाईक मुख्यमंत्री हुए । अल्पसंख्यक समाज से ए आर अंतुले मुख्यमंत्री पद पर रहे । मनोहर जोशी और देवेंद्र फडणवीस ये दोनों ब्राह्मण मुख्यमंत्री हुए । दलित समाज से सुशील कुमार शिंदे मुख्यमंत्री हुए । राज्य में अभी तक सिर्फ वसंतराव नाईएक और देवेंद्र फडणवीस ने ही अपना पूरा कार्यकाल 5 साल का पूरा किया है  ये दोनों विदर्भ से आते हैं यवतमाल के वसंतराव नाईक 1 मार्च 1967 से 13 मार्च 1972 तक अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था ।और देवेन्द्र फडणवीस 31 अक्टूबर  2014 से अभी तक 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा किया है ।

अभी तक इन जिलों से कोई नही हुआ मुख्यमंत्री 

राज्य का नेतृत्व करने के लिए अभी तक 33 जिलों को अवसर नही मिला है इन 33 जिलों से अभी तक कोई मुख्यमंत्री नही बना है । इन जिलों के नाम कोल्हापुर, रत्नागिरी, अहमदनगर, नासिक, धुले,वर्धा, गढ़चिरौली, अमरावती, जलगांव, नंदुरबार, ठाणे, औरंगाबाद, परभणी, उस्मानाबाद,जालना, बुलढाणा, अकोला, वाशिम, भंडारा , हिंगोली,गोंदिया से अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री नही बना है । पुणे, सोलापुर , सातारा, सांगली,रायगड़, सिंधुदुर्ग, लातूर,यवतमाल मुम्बई महानगर चंद्रपुर और नागपुर जिले ने मुख्यमंत्री दिया है ।

2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री की दौड़ में ये नेता 

देवेंद्र फडणवीस भाजपा नागपुर  अजित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस बारामती पंकजा मुंडे भाजपा परली धनंजय मुंडे राष्ट्रवादी कांग्रेस परली सुधीर मुनगंटीवार भाजपा बल्लारपुर जयंत पाटिल राष्ट्रवादी कांग्रेस इस्लामपुर एकनाथ शिंदे शिवसेना ठाणे एकनाथ खडसे भाजपा मुक्ताईंनगर गिरीश महाजन भाजपा जामनेर हशन मुशरिफ राष्ट्रवादी कांग्रेस कांगल राधाकृष्ण विखे पाटिल भाजपा शिरडी बालासाहेब थोरात कांग्रेस संगमनेर विजय बडेटटीवार कांग्रेस ब्रह्मपुरी पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस हर्षवर्धन पाटिल भाजपा इंदापुर अमित देशमुख कांग्रेस लातूर प्रणीति शिंदे कांग्रेस सोलापुर सुभाष देशमुख भाजपा सोलापुर दक्षिण

बुधवार, 18 सितंबर 2019

वालीव पुलिस स्टेसन को लगता है लग गया है ग्रहण






मुम्बई से सटे जिला पालघर में स्थित वालीव पुलिस स्टेसन को लग रहा है कि किसी की नजर लग गयी है जिसके चलते ग्रहण लग गया है एक मामला अभी ठंडा ही नही हुआ कि दूसरा मामला पुलिस स्टेसन में कार्यरत पुलिस वालों पर ही दर्ज हो गया । वालीव पुलिस स्टेसन के तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक , पुलिस स्टेसन के डिटेक्सन में कार्यरत एक सिपाही एक स्थानीय ब्यक्ति के खिलाफ कुल 3 लोगों पर जप्त की गई  ड्रग्स को चोरी करने का मामला सोमवार देर रात को दर्ज हुआ जिससे पूरे जिले के पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है वालीव पुलिस स्टेसन ने मामला दर्ज कर स्थानीय ब्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है अभी दो आरोपी फरार हैं जो कि पुलिस हैं पुलिस आरोपी को पुलिस तलाश कर रही है । सबसे बड़ी बात ये है कि एक हप्ते के अंदर दो मामले पुलिस स्टेसन में कार्यरत पुलिस वालों पर ही दर्ज हुआ है इससे लगता है कि वालीव पुलिस स्टेसन पर ग्रहण लग गया है ।

वालीव पुलिस स्टेसन में कार्यरत जप्त माल की निगरानी रखने वाले सहायक पुलिस उपनिरीक्षक शरीफ रमजान शेख ने चोरी के मामले में जप्त सामान में से 2 करोड़ 16 लाख कीमत के विदेशी सिगरेट चोरी कर बेचने के मामले का पर्दाफाश हुवा था जिसका 11 सितंबर को मामला दर्ज हुआ था और शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया था इसकी तहकीकात वसई विभाग के उप अधीक्षक डॉक्टर अश्विनी पाटिल कर दो खबरियों को गिरफ्तार किया था । तहकीकात में खबरियों ने पुलिस को अपने दिए गए बयान में कहा कि अगस्त महीने में ड्रग्स माफिया मुम्बई अहमदाबाद महामार्ग पर स्थित किनारा होटल परिसर से ड्रग्स बेचने वाले की खबर वालीव पुलिस स्टेसन में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक विजय  चव्हाण और सिपाही भीमगौडा वहासकोटी को दिया था इस सूचना के आधार पर आरोपी को पकड़कर उसके पास से हीरोइन नामक ड्रग्स जप्त कर उसके साथ आर्थिक ब्यवहार कर छोड़ दिया था इस जानकारी के बाद पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने आदेश दिया कि दोनो पुलिस कर्मचारी व स्थानीय ब्यक्ति के ऊपर मामला दर्ज किया मामला दर्ज कराने के बाद स्थानीय खबरी तरुण निखिल गिरिधर ठाकुर उम्र 30 वर्ष के बैग की तलाशी लिया तो उसके बैग से 75 हजार रुपया 14 ग्राम हीरोइन बरामद हुई ।मामला दर्ज होने के बाद सिपाही वहासकोटी फरार हो गया है तत्कालीन पुलिस उपनिरीक्षक विजय चव्हाण की पदोन्नति हो गयी है अभी वह सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर नागपुर में कार्यरत है ।

डीजल पेट्रोल में मिलावट करने वाली गैंग का क्राइम ब्रांच यूनिट 9 ने किया पर्दाफाश


मुंबई:- बीपीसीएल कंपनी के टैंकर में से फर्निश ऑयल चोरी कर पहले उसमें पानी मिलने फिर उस फर्निश ऑयल को डीजल और पेट्रोल में मिलाने वाली गैंग को मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 9 ने पर्दाफाश कर 3 लोगों को गिरफ्तार कर 5 लाख 18 हजार का मिलावटी ऑयल जब्त कर लिया है ।

मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 9 की पुलिस निरीक्षक आशा कोरके को गुप्त सूचना मिली कि डीजल पेट्रोल में बड़े पैमाने पर मिलावट हो रही है इस सूचना के आधार पर चेम्बूर स्थित माहुल गांव में BPCL कंपनी स्थित है कंपनी से टैंकर डीजल पेट्रोल और फर्निश ऑयल भरकर जब बाहर निकलते है तो कंपनी के  सामने  ही उसकी पार्किंग में टैंकर खड़ा करते है सभी आनेजाने वाले टैंकर इसी पार्किंग में खड़े रहते है पुलिस निरीक्षक आशा कोरके ने अपनी टीम के साथ पार्किंग में छापा मारा उस समय फर्निश ऑयल से भरे 3 टैंकरों के कूप में फर्निश ऑयल के अंदर पानी मिला हुआ था इस मामले में स्थानीय आरसीएफ पुलिस स्टेशन में भादवि कलम 379,420,472,462,484,120,(ब) के साथ जीवन उपयोगी वस्तु  कायदा के अनुसार कलम 3,7 के तहत मामला दर्ज कर सफू नसीम खान उम्र 48 वर्ष राजू कैलाश सरोज उम्र 32 वर्ष याकूब मोहम्मद नसीम सिद्दीकी उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया इस कार्यवाही में मिलावटी फर्निश ऑयल के साथ 3 टैंकरो को भी जब्त कर लिया आगे की तहकीकात मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 9 की टीम कर रही है यह कार्यवाही संयुक्त  पुलिस आयुक्त क्राइम संतोष रस्तोगी क्राइम ब्रांच घटक 1 के पुलिस उपायुक्त अकबर पठान सहायक पुलिस आयुक्त डी/पक्षिम  भारत भोईटे वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक महेश देसाई के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक आशा कोरके,संजीव गावड़े,सहायक पुलिस निरीक्षक सुधीर जाधव,शरद धराडे, पुलिस उपनिरीक्षक वाल्मीक कोरे,विजेंद्रय आम्बावड़े,सहायक पुलिस उपनिरीक्षक बनसोडे, हवलदार शिर्के, शिंदे ,मोहिते,जाधव,काकड़े, गांवकर,सावंत,पाटिल,शिंदे,शेख, कोली,धोडगे, पुलिस नाईक, पेड़नेकर,नाईक, हाक्के,राऊत, लोखंडे,पाटिल, कदम,वानखेड़े,परब, पुलिस सिपाही कांबले, महांगड़े, पवार ,गवते,निकम,महिला पुलिस सिपाही लाड की पूरी टीम ने किया।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019


विधानसभा चुनाव होने के बाद क्या होगी भाजपा शिवसेना  की हालात ...?

क्या है भाजपा का पुराना इतिहास...? राजनितिक क्षेत्र में हो रही है बड़ी हलचल



राज्य में किसी भी दिन विधानसभा के चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग कर सकता है सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस में गठबंधन हो गया है ये दोनों राज्य की 288 सीटों में 125 - 125 पर लड़ेंगी और शेष 38 सीटे अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ दिया है अभी तक भाजपा शिवसेना युति अधर में ही लटकी हुई है इस पर सभी राजनीतिक दलों के साथ साथ राज्य के आम लोगों की भी नजर बनी हुई है कि इनमें युति होगी या नही शिवसेना अभी तक फिफ्टी फिफ्टी फार्मूला पर अपनी नीति रखी हुई है इसके बावजूद भाजपा शिवसेना को 120 सीट से ज्यादा देने को तैयार नही है ।

भाजपा शिवसेना 1989 में राम मंदिर के मुद्दे पर पूरे देश में हिन्दू लोगों को एकजुट होते देखकर पहली बार युति किया था ताकि हिन्दू वोट का विभाजन न हो । तभी से लेकर 2014 तक दोनों की युति रही यह युति एक मिसाल थी इतने सालों तक किसी भी राजनीतिक दल की युति नही चल पाई थी । 2014 के विधानसभा चुनाव में दोनों की युति सीट बंटवारे में सहमति न बन पाने की वजह से युति टूट गयी और दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़े चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में ज्यादा आया भाजपा को शिवसेना से करीब दुगुनी सीटों पर विजय हासिल हुई भाजपा को 122 सीट और शिवसेना को 63 सीट मिली । सूत्रों से मिली खबर के अनुसार शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस का अस्तित्व खत्म होने की कगार पर है अगर इस वातावरण में भाजपा शिवसेना से युति कर शिवसेना को कम सीट देती है तो आगे आने वाले समय मे भाजपा शिवसेना को भी टारगेट कर सकती है । इस समय विरोधी पक्ष हासिये पर चला गया है । शिवसेना के लिए गोआ में महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी का उदाहरण सामने है ।भाजपा ने गोआ में महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी की अवस्था किया है यही अवस्था शिवसेना की भी कर सकती है । गोआ में महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी का उपयोग कर भाजपा ने पूरे गोआ में अपना विस्तार किया क्या उसी तरह महाराष्ट्र में शिवसेना की मदद लेकर अपना विस्तार किया है ।

शिवसेना भाजपा विधानसभा चुनाव की सूची 

1990 में शिवसेना 183 भाजपा 105 
1985 में 183 शिवसेना भाजपा 105 
1999 में शिवसेना 161 भाजपा 117
2004 में शिवसेना 163 भाजपा 111 
2009 में शिवसेना 160 भाजपा 109

शिवसेना के लिए 1961 में पुर्तगाल शासन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी का पहला शासन गोआ में था ।1963 से 1979 तक महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी ने गोआ में शासन किया 1994 में पहली बार महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था उस समय महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी 25 सीट और भाजपा12सीट पर चुनाव लड़ा था इसके बाद गठबंधन में फूट पड़ गयी और भाजपा ने महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के वोट बैंक में सेंध लगा लिया ।2012 में फिर से भाजपा और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी में गठबंधन हुवा तभी से  अभी तक गोआ में भाजपा का शासन है । भाजपा ने 28 सीट पर चुनाव लड़ा और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी ने 7 सीट पर चुनाव लड़ा था । एमजीपी के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए ।इस वर्ष मार्च महीने में एमजीपी के 3 विधायकों में से 2 विधायक अलग गुट बनाकर भाजपा में अपने गुट का विलय कर लिया । क्या महाराष्ट्र में शिवसेना की ताकत कम कर भाजपा अपने को मजबूत कर रही है ऐसा संशय ब्यक्त किया जा रहा है ।

रविवार, 15 सितंबर 2019

कौन होगा मीरा भायंदर पुलिस आयुक्तालय का पहला पुलिस आयुक्त


मीरा भायंदर आयुक्तालय के लिए आदेश जारी 
कौन होगा पहला पुलिस आयुक्त इसके लिए उत्सुकता




मुम्बई बढ़ती जनसंख्या और अपराधों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ मीरा भायंदर के लिए नया पुलिस आयुक्तालय बनाने का आदेश सरकार ने शुक्रवार को अध्यादेश जारी कर दिया । इस गठित हुए आयुक्तालय का पहला पुलिस आयुक्त कौन होगा इस पर पुलिस विभाग में भी उत्सुकता बनी हुई है ।

पुलिस आयुक्त पद पर अतिरिक्त महासंचालक (एडीजीपी) श्रेणी का अधिकारी होगा इसके लिए कई इस श्रेणी के अधिकारी वहाँ पर अपनी नियुक्ति के लिए जोर अजमाईस में लगे हुए हैं । जिसमे से 3 से 4 अधिकारियों ने तो अपने लिए लॉबिंग भी शुरू कर दिया है । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इनमें से किसकी नियुक्ति करते हैं इस पर सभी की उत्सुकता बनी हुई है । करीब डेढ़ महीने पहले मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में मीरा भायंदर पुलिस आयुक्तालय निर्माण करने के फैसले पर अपनी मोहर लगा दिया था इसके बावजूद सरकार ने अध्यादेश जारी नही किया था । पुलिस आयुक्त पद पर नियुक्त होने के लिए बहुत से अधिकारियों ने अपनी उत्सुकता दिखाई थी इस वजह से सरकार ने अध्यादेश जारी नही किया था इसकी खबर प्रवासी संदेश ने डेढ़ महीने पहले प्रकाशित किया था ।अभी विधानसभा चुनाव राज्य में 3 महीने के अंदर होने वाला है और आचार संहिता लगने वाली है शायद आज सोमवार को लग सकती है चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है इसको ध्यान में रखकर सरकार ने शुक्रवार को इसके निर्माण के लिए अध्यादेश जारी कर दिया । क्यों कि आचार संहिता लगने के पहले अध्यादेश जारी करने से इसके लिए कोई भी आगे का कार्य करने पर आचार संहिता का उलंघन नही होगा । आगामी एक या दो दिन के अंदर नए पुलिस आयुक्त के नाम का चयन हो जाएगा ताकि वो स्वतंत्र रूप से आगे का कार्य मे लग जाएं । मीरा भायंदर पुलिस आयुक्तालय का निर्माण करने के लिए कैबिनेट की बैठक में 23 जुलाई को ही मंजूरी दे दी गयी थी और कहा जा रहा था कि 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर यह आयुक्तालय स्वतंत्र रूप से अपना काम शुरू कर देगा लेकिन ऐसा नही हो पाया । इस नए पुलिस आयुक्तालय के लिए दो जिलों के पुलिस स्टेसन कार्यक्षेत्र और सभी जरूरी आवश्यकता को पूरा कर लिया गया है । सिर्फ इस नए आयुक्तालय का पहला पुलिस आयुक्त कौन होगा उसका चयन होना बाकी है इसके लिए कोई अधिकारी नाराज न हो जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ने अभी तक नए पुलिस आयुक्त के नाम की घोषणा नही किया है । ठाणे ग्रामीण और पालघर जिले में बढ़ती जनसंख्या व अपराधों को देखते हुए पूरी तरह से कानून ब्यवस्था बनी रहे इसके लिए पिछले कई वर्षों से आयुक्तालय की मांग स्थानीय लोगों की तरफ से हो रही थी  इसके लिए दो वर्ष पहले ही इसका प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया गया था इस आयुक्तालय के निर्माण के लिए 175 करोड़ रुपया खर्च था जिसको वित्त विभाग ने प्रलंबित रखा था । आख़िरकार कैबिनेट की 23 जुलाई की बैठक में इसकी मंजूरी मिल गयी थी जिसमें 20 पुलिस स्टेसन होंगे। चुनाव के पहले नया पुलिस आयुक्तालय के अंदर  मीरा भायंदर , वसई विरार, नाला सोपारा विधानसभा क्षेत्र आ गया है । नाला सोपारा के मौजूदा विधायक क्षितिज ठाकुर के सामने बीजेपी शिवसेना युति के उम्मीदवार एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की उम्मीदवारी निश्चित हो गयी है इसके लिए यहाँ पर दोनों उम्मीदवारों की बीच कांटे की लड़ाई होगी जिसमें दोनो उम्मीदवार अपनी जीत के लिए हर तरह का प्रयोग करेंगे । इसके बावजूद बहुजन विकास अघाड़ी के कई उम्मीदवार होंगे । इस क्षेत्र में चुनाव पूरी तरह से शांति से निष्पन्न हो नए पुलिस आयुक्त के लिए चुनौती भरा कार्य होगा इसके लिए किसी अनुभवी अधिकारी की ही नियुक्ति पुलिस आयुक्त पद पर होगी इसी पर सभी की नजर बनी हुई है ।

सोमवार, 9 सितंबर 2019

सावधान ऑन लाइन ऑर्डर देकर भुगतान किया तो हो सकता है आप का खाता साफ


मुम्बई मोबाईल पर आई हुई ओटीपी और पिन नम्बर देने पर बैंक खाते से पैसे निकाला जाता है इसके अलावा सायबर चोरों ने एक नई तकनीक इज़ाद कर लिया है ये सायबर ठग गूगल पर फर्जी नाम से अपना नम्बर पोस्ट करते हैं जो भी इस नम्बर पर काल करते हैं वे इनके जाल में फंस जाते हैं ।मुम्बई में रहने वाली एक युवती ने ऑन लाइन सर्च कर के बियर मंगाई उसके बाद उसके बैंक खाते से 87420 रुपये निकल गए दूसरी महिला ने अपना बैंक खाता ऑन लाइन सर्च किया तो उसके खाते से 90 हज़ार रुपये निकल गए सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि इस घटना में पीड़ित किसी भी महिला ने न तो अपनी ओटीपी और पिन नम्बर किसी को दिया ना ही बोला फिर भी इनके बैंक खाते से रुपये निकल गए ।

मुम्बई के पवई इलाके में रहने वाली  एक 25 वर्षीया युवती जो कि एक अंतर्राष्ट्रीय बैंक में काम करती है इसने  शराब की होम डिलीवरी सर्विस देने वाले वाइन शॉप का संपर्क नम्बर गूगल पर सर्च किया तो इसको स्टार वाइन शॉप का नम्बर मिला नम्बर मिलने के बाद उसने काल किया तो काल लेने वाले ने उससे कहा कि आप को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस आईडी देता हूं उस पर आप मोबाईल वॉलेट से 3 बियर का दाम 420 रुपये ट्रांसफर कर दीजिए । पीड़ित युवती ने 3 बियर का 420 रुपया उस आईडी पर ट्रांसफर कर दिया । और उसका मैसेज भी उसके मोबाईल पर आ गया थोड़े समय के बाद फिर उसके मोबाईल पर मैसेज आया कि 29000 हजार रुपया उसके खाते से फिर निकल गया । बिना ओटीपी व पिन के उसके खाते से रुपया कैसे निकल गया ये सोचकर वह हैरान हो गयी । युवती ने उस नम्बर पर काल किया और कहा कि मैंने तो 3 बियर का 420 रुपया ही ट्रांसफर किया ना ही मैंने आप को ओटीपी व पिन नम्बर दिया फिर भी मेरे खाते से 29 हजार रुपया निकल गया तो उसने कहा कि गलती से निकल गया है अभी आप के खाते में वापस जमा ही जायेगा । उसके बाद फिर युवती के खाते से 58 हजार फिर निकल गया तो युवती ने जिस स्टार वाइन शॉप से बियर मंगाई थी उस शॉप पर गयी वहॉ पर पहुचने के बाद आश्चर्यजनक बात सामने आई जिस नम्बर पर उसने काल किया था वह नम्बर स्टार वाइन शॉप का नम्बर ही नही था । उसके बाद पीड़ित युवती ने तुरंत आकर पवई पुलिस स्टेसन में अपनी शिकायत दर्ज किया । इसी तरह से 11 अगस्त को एक पाइलट के साथ ऐसी ही घटना घटी इसने भी होम डिलीवरी से घर पर शराब मंगाई और इसके भी खाते से 38 हज़ार रुपए निकल गए थे ।जुलाई महीने  में खार में रहने वाले एक ब्यक्ति के खाते से 35 हजार 5 सौ निकल गए थे और अंधेरी में रहने वाले ब्यक्ति के खाते से 16 जून को 20 हजार निकल गए थे ।

बैंक के फोन से किया फोन और निकाल लिया 90 हज़ार 

इस मामले में घाटकोपर में रहने वाली एक युवती का देवनार के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता था इस युवती की बहन यूएस में रहती है उसको रुपया ट्रांसफर करना था इसके लिए युवती ने गूगल पर बैंक का नम्बर सर्च किया और उस नम्बर पर काल किया उस नम्बर पर काल उठाने वाले ब्यक्ति ने अपना नाम राहुल कुमार बताया और उसने उससे बैंक की पूरी जानकारी मांगी और कहा कि थोड़े समय के बाद आप को एसडब्लूआईएफटी कोड देता हूं ऐसा उसने कहा इसके दरम्यान ही उसजे खाते से 90 हज़ार रुपये निकल गए । इसके बाद जब युवती ने बैंक से संपर्क किया तो उसको मालूम हुआ कि इस नाम का कोई भी ब्यक्ति इस बैंक में काम नही करता यह सुनते ही उसके पांव से धरती खिसक गई । इसके बाद पीड़ित युवती ने घाटकोपर पुलिस स्टेसन में मामला दर्ज किया है पुलिस इन सभी मामलों की तहकीकात कर रही है ।

आखिरकार राज्य के 1558 पुलिस उपनिरीक्षकों की पदोन्नति का निकला मुबर्ट


पुलिस महासंचालक सुबोध कुमार जायसवाल ने दिया आदेश 

मुम्बई राज्य के पुलिस उपनिरीक्षकों की पदोन्नति पिछले पौने दो साल से प्रलंबित थी इनकी पदोन्नति का आखिरकार मुहूर्त निकल गया है विभिन्न पुलिस घटकों में कार्यरत 1558 पुलिस उपनिरीक्षकों को सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर पदोन्नति देने का आदेश पुलिस महासंचालक सुबोध कुमार जायसवाल ने दिया है ।


राज्य के पुलिस पुलिस उपनिरीक्षकों को पदोन्नति दी जाएगी उनको उनकी नई नियुक्ति की जगह पर पड़ ग्रहण करने के लिए तुरंत प्रभावी रूप से जहाँ पर वो उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं वहां से कार्यमुक्त किया जाए ऐसा कड़क असदेश पुलिस महासंचालक सुबोध कुमार जायसवाल ने आदेश दिया है । पदोन्नति पाने  वाले सबसे ज्यादा  पुलिस उपनिरीक्षकों की संख्या मुम्बई में कार्य करने वालों की है सिर्फ मुम्बई में पदोन्नति पाने वाले 400 पुलिस उपनिरीक्षक हैं । यह आदेश पुलिस महासंचालक सुबोध कुमार जायसवाल ने 30 अगस्त शुक्रवार को दिया था उसके बाद पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इस पर कार्य शुरु कर दिया है कई उपनिरीक्षकों को आयुक्तालय के अंतर्गत पदोन्नति पर नियुक्ति दे दी गयी है । इस पदोन्नति के बारे में प्रवासी संदेश ने कई बार खबर प्रकाशित की थी और पूरे जोर शोर से इस मुद्दे को उठाया था ।इसके पहले भी सहायक पुलिस निरीक्षकों को पदोन्नति देकर पुलिस निरीक्षक बनाया गया था जिसके चलते सहायक पुलिस निरीक्षकों के पद रिक्त हो गए थे अब इन पदों को भर दिया गया । इसके अनुसार पुलिस मुख्यालय ने पहली बार मे ही 1558 पुलिस उपनिरीक्षकों की पदोन्नति का आदेश जारी किया ।अभी की परिस्थिति में यह पदोन्नति सिर्फ 11 महीने के लिए है इसके बाद राज्य सरकार व राज्य लोकसेवा आयोग इस पद की मंजूरी देकर स्थाई की जाएगी ।

देश के पचास प्रतिशत पुलिसकर्मी यह मानते हैं की एक धर्म विशेष में ज़्यादा लोग अपराधी प्रवित्ति के एक सर्वे में हुआ खुलासा


मुम्बई 

एक ऐसी  रिपोर्ट आयी है के पूरे देश में एक धर्म विशेष के मानने वाले लोगों में ज्यादा लोग अपराधी प्रवित्ति के होते हैं ।आयी रिपोर्ट के अनुसार  देश के हर दो पुलिसकर्मियों में से एक को यह लगता है कि एक ही धर्म विशेष के लोगों में  आपराधिक प्रवृति के होते हैं। दरअसल 'स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2019' में ये दावा किया गया है।
                       

सर्वेक्षण करते समय  35% पुलिसकर्मियों ने अपने साक्षात्कार में कहा कि गोहत्या के मामलों में कथित अपराधी को दंडित करना भीड़ के लिए स्वाभाविक है। वहीं, 43% लोगों का मानना है कि भीड़ के लिए दुष्कर्म के आरोपी को दंडित करना स्वाभाविक है।

 सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जे चेलमेश्वर द्वारा मंगलवार को एनजीओ कॉमन कॉज एंड सेंटर ऑफ द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के लोकनीति कार्यक्रम द्वारा तैयार स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया पर रिपोर्ट जारी की गई। देश के 29 राज्यों में से  21 राज्यों में किए इस सर्वेक्षण में पुलिस स्टेसनो  में तैनात 12,000 पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के लगभग 11,000 लोगों के साक्षात्कार किए गए हैं। सर्वेक्षण में 37% पुलिसकर्मियों ने साक्षात्कार के दौरान कहा कि मामूली अपराधों के अतिरिक्त कोर्टरूम ट्रायल में पुलिस के पास कोई छोटी सजा देने का कानूनी अधिकार होना चाहिए। वहीं, 72% पुलिस कर्मियों ने प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े मामलों की जांच के दौरान राजनीतिक दबाव का भी  अनुभव किया है ।इस पूरे सर्वेंक्षण के अनुसार देश में पुलिसकर्मी औसतन 14 घंटे प्रतिदिन काम करते हैं, जबकि 80% पुलिसकर्मी आठ घंटे से ज्यादा ड्यूटी करते हैं। देश भर में 50% पुलिसकर्मी ओवरटाइम करते हैं। पुलिसकर्मियों के पांच में से तीन परिवार वालों को लगता है कि उन्हें रहने के लिए दिया गया सरकारी मकान निम्न स्तर का है।कई पुलिसकर्मियों का यह मानना है कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज अधिकतर मामले पूरी तरह से झूठे और किसी खास मकसद के चलते दर्ज  कराए और किये जाते हैं। वहीं हर पांच में एक पुलिसकर्मी को लगता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के दर्ज मामलों में  भी अधिकतर फर्जी होते हैं।

रविवार, 8 सितंबर 2019

बीजेपी शिवसेना में फंस सकती है युति की पेंच
बीजेपी शिवसेना में फंस सकती है युति की पेंच 

एक तरफ युति कर के विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात तो दूसरी तरफ अकेले चुनाव लड़ने की बीजेपी की तैयारी 

पदधिकारों को तैयार रहने का अंदरूनी आदेश 


मुम्बई लोकसभा चुनाव दोनो पार्टियों ने युति कर के ही चुनाव लड़ा था और भरी सफलता प्राप्त की थी विधानसभा चुनाव बीजेपी अकेले अपने स्वालंबन पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है ऐसी चर्चा जोरों पर चल रही है शिवसेना से युति नही होंगी इसके लिए  स्थानीय पदाधिकारियों को अंदरूनी आदेश दिया जा रहा है  ऐसी सूचना भुसावल के जिला अध्यक्ष डॉ संजीव पाटिल ने अपने जिले के सभी पदाधिकारियों को दिया है । ये मुख्यमंत्री के महाजनादेश  की पूर्व तैयारी की बैठक में बोल रहे थे । इस बात से साफ हो रहा है कि बीजेपी अकेले अपने स्वालंबन पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी ऐसी चर्चा हो रही है ।इसके बावजूद बीजेपी शिवसेना से युति कर के ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी ऐसा कह रही है और विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी करने में लगी हुई है । पश्चिम महराष्ट्र के पांच जिलों में कुल 58 विधानसभा क्षेत्र में दमदार उम्मीदवार के लिए जोरदार तैयारी में लगी हुई है । कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के असंतुष्टों पर अपनी नजर बनाए हुए है स्थानीय नेताओं को  युति नही होगी इसलिए सभी लोग काम पर लग जावो  ऐसा अंदरूनी आदेश दिया जा चुका है । राजनीतिक लोगों का मानना है कि विधानसभा के ऐन समय पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा बीजेपी कर सकती है । विधानसभा के होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी ने अंदरूनी सर्वे कराया है इस सर्वे की रिपोर्ट में बीजेपी को 160 सीट और शिवसेना को 90 सीट मिलेगी बीजेपी को  बहुमत से ज्यादा सीट मिलेगी इसलिए बीजेपी अकेले अपने स्वालंबन पर चुनाव लड़ने की सोच सकती है । सर्वे के मुताबिक अगर युति कर के बीजेपी चुनाव लड़ती है तो उसे सिर्फ 144 सीट मिलेगी क्यों कि युति होने पर कई सीट छोडनी पड़ेगी अगर बीजेपी को जितनी सीट युति में मिलेगी वो सभी सीट अगर जीत जाती है तो भी उसे पूरी बहुमत नही मिलेगी ये पूरी तरह से निश्चित है फिर भी बीजेपी सभी को पूरी तरह से नाप तौल कर युति कर के ही चुनाव लड़ने का फैसला कर सकती है ऐसा राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा चल रही है इस चर्चा को देखते हुए शिवसेना की मुख्यमंत्री की मांग भी थोड़ी पड़ती दिखाई दे रही है । चुनाव के पहले बहुत ही चर्चाएं होती हैं अब देखना ये है कि इन हो रही चर्चाओं में कितनी सच्चाई है कि ये सिर्फ चर्चा ही है वैसे अभी तक दिनों दल युति कर के ही विधानसभा का चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं इसके बाद भी महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसी चर्चाओं का होना एक स्वाभाविक हैं क्यों कि चुनाव जो आ गया है सभी लोग अपनी पार्टी के नफा नुकसान की गणित पर कार्य कर रहे हैं । फैसला तो दोनों पार्टियों को ही लेना है जिस दिन फैसला हो जाएगा उस दिन सभी चर्चाओं पर विराम लग जायेगा । फिर भी कभी भी आग लगे बिना धुवाँ नही होता ये भी सच है कहीं न कही कुछ तो खिचड़ी पक रही होंगी तभी तो चर्चा चल रही है ।

नागपुर का बहुचर्चित खोसला हत्याकांड मामले का पुलिस ने किया पर्दाफाश


नागपुर का बहुचर्चित खोसला हत्याकांड मामले का पुलिस ने किया पर्दाफाश 

अवैध संबंध के चलते हुई खोसला की हत्या 



मुम्बई/ नागपुर कूलर ब्यवसाई ऋषि ब्रीज खोसला की निर्मम  हत्या अवैध संबंध के चलते हुई है यह स्पष्ट हो गया है कुख्यात अपराधी रूपवेन्दर उर्फ मिक्की बक्षी ने अपने साथियों की मदद से उसकी हत्या की है इस बहुचर्चित हत्याकांड में कई कुख्यात अपराधियों का हाथ है जिसमे कुख्यात बुकी मैच फिक्सर सुनील भाटिया का भी नाम आ रहा है । इस हत्या को लेकर अनेकों तरह की बातें हो रही हैं और चर्चा चल रही है ।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात अपराधी मिक्की की पत्नी मधु से खोसला का कई सालों से मधुर संबंध था तीन वर्ष पहले से ही मिक्की और खोसला में रंजिश चल रही थी उस समय भाटिया ने भी उसमें साथ दिया था । इस छोटी सी घटना इतनी बड़ी हो जाएगी किसी ने सोचा भी नही होगा । इसके बाद तीनों लोग एक साथ बैठकर इस मामले को सुलझाने की भी कोशिश की थी लेकिन मामला नही सुलझा पाए । इस घटना के बाद मधु और खोसला के संबंध और मधुर हो गए । जिसके कारण मिक्की और खोसला में और कटुता बढ़ गयी ।सूत्रों से मिली खबर के अनुसार खोसला का बेटा कनाडा में शिक्षा ग्रहण कर रहा है कई दिन पहले छुट्टी होने की वजह से वह नागपुर आया हुआ है । बुधवार को वह अपने चाचा के साथ शिरडी दर्शन कर वापस घर पर आया नागपुर के बैराम जी टाउन में रहने वाले खोसला ने रात को अपनी पत्नी से कहा कि खाना लगा दो उसी समय मधु का फोन आया कि मेरी कार कड़वी चौक के पास पंचर हो गयी है मधु के फोन आने के बाद खोसला ने अपनी पत्नी से कहा कि मैं पांच मिनट बाहर जाकर आता हूं । ऐसा कह कर खोसला घर से बाहर निकल गया उसके बाद मधु को उसके घर छोड़कर  जैसे ही खोसला वहां से बाहर निकला वैसे ही आरोपी मिक्की व उसके साथी खोसला का पीछा करने लगे कड़वी चौक के पास सिनेमा स्टाइल से धक्का मारकर उसके कार को रोकने की कोशिश किये उसी वक़्त मधु का फोन आया और पूछा कि क्या हुआ तो खोसला ने कहा कि ऑटोवाले से झगड़ा हो गया इसके बाद खोसला गोंडवाना चौक के तरफ निकल गया खोसला की हत्या करने के इरादे से निकले हस्त्यारों ने नेल्सन चौक के पास उसकी कार रोक ली और उसकी कार से बाहर खींच लिया और उस पर धारदार हथियार से वार कर के निर्मम हत्या कर दिया हत्या करने के बाद उसकी कार पीबी 08 ए एक्स 0909 को हत्यारों ने अपने कब्जे में लेकर होटल एल बी तक आये और उसको वही छोड़ कर वहाँ से ऑटो से फरार हो गए । हत्या में इस्तेमाल किये गए दो हथियार छावनी चौक पर और एक हथियार शबाना बेकरी के पास फेक दिए । इसी दरम्यान खोसला की प्रेमिका और पत्नी का लगातार उसके मोबाईल पर काल आ रहा था । तब तक पुलिस घटनास्थल पर पहुच गयी थी पुलिस ने ही खोसला के परिवार वालो को सूचना दी । मिक्की का इस हत्या में नाम आने पर घंटे के अंदर ही उसको गिरफ्तार कर लिया और उसने अपना जुर्म भी कबुल कर लिया ।


हत्या के लिए एक करोड़ की सुपारी..? 


खोसला की हत्या करने में 5 से 7 अपराधियों को शामिल होने का शक पुलिस को है ।इस हत्याकांड में मिक्की, गिरीश दाशरवार,बबन कलमकार का नाम तो सामने आया है ।कुख्यात अपराधी मिक्की पर अपहरण हत्या के कई मामले दर्ज हैं । मिक्की की शादी खोसला ने ही मधु से कराई थी एक अपहरण के मामले में 15 साल पहले जब मिक्की जेल गया तो उसके बाद खोसला उसके घर आने जाने लगा तो उसी समय खोसला और उसकी पत्नी मधु दोनो को प्यार हो गया था  जेल से आने के बेस्ड जब ये बात मिक्की को मालूम हुई तो दोनों पति पत्नी काग अलग रहने लगे थे । यही अवैध संबंध खोसला को इतना भारी पड़ा कि उसको अपनी जान गंवानी पड़ी । पुलिस और आरोपियों की तलाश कर रही है ।

डीआरआई ने 640 टन पाकिस्तनी छुहारे को किया जब्त


डीआरआई ने 640 टन पाकिस्तनी छुहारे को किया जब्त 

8.30 करोड़ टैक्स की चोरी के मामले में 4 लोग गिरफ्तार


मुंबई:- पाकिस्तान का 640 टन छुहारा ओमान के रास्ते भारत लाने और टैक्स चोरी करने के आरोप में डीआरआई ने 4 लोगो को गिरफ्तार किया है राजस्व गुप्तचर महासंचालयक विभाग ने यह कार्यवाही की है गिरफ्तार करने के बाद चारों आरोपियों को डीआरआई ने कोर्ट में पेश किया कोर्ट ने चारो आरोपियों को 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया डीआरआई के सहआयुक्त समीर वानखेड़े ने यह कार्यवाही 6 सितंबर शुक्रवार की दोपहर को किया था ।

पुलवामा प्रकरण के बाद 16 फरवरी 2019 से भारत पाकिस्तान ब्यापार  संबंध पर निर्बंध लगाया हुआ है जिसके वजह से पाकिस्तान से कोई भी सामान आयात करने पर 200% टैक्स लगाया गया है इस टैक्स से बचने के लिए पाकिस्तानी छुहारे को ओमान के रास्ते भारत लाया गया है और इस छुहारे को पेपर में ओमनी छुहारा बताया गया है डीआरआई को मिली गुप्त सूचना के आधार पर तहकीकात करने पर इसका पर्दाफाश हुआ नवहाशेवा बंदरगाह पर आए हुए 40 टन वजन के 16 कंटेनर से 640 टन छुहारा जब्त किए हुए छुआरे पर 200% से टैक्स लगाने पर 8 करोड़ 50 लाख रुपये का टैक्स बनता है इसको बचाने के लिए छुहारा ओमान के रास्ते भेजा गया है डीआरआई के सशक्त नेटवर्क के चलते जब्त करने में सफलता मिली है इसी तरह से चेन्नई और गुजरात मे आनेवाले छुहारे की भी तहक़ीक़ात  शुरू की गई है पुलवामा प्रकरण के बाद भारत पाकिस्तान व्यापार पूरी तरह से मर्यादित हो गया है उसके बाद कर चोरी करने का यह पहली बड़ी कार्यवाही है इस मामले में सीमा शुल्क कायदा 1962 भादवि कलम 104,135 (1) A और B के तहत इमरान तेली इरफान नुरसुमार मोहनदास कटारिया और सेवक मखीजा के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है इस मामले में ओर कितने अंतरराष्ट्रीय माफिया शामिल है उसके लिए भी अभी  तहकीकात चल रही है।

शनिवार, 7 सितंबर 2019

आर आर एंटरप्राइजेज आयल कंपनी का मालिक लोगों के खून पसीने से कमाया हुवा सात करोड़ लेकर हुवा फरार


आर आर एंटरप्राइजेज आयल कंपनी का मालिक लोगों की खून पसीने से कमाया हुवा सात करोड़ लेकर हुवा फरार 

लालच में आकर लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई गंवाई 

कंपनी ने लोगों के जमा पर ज्यादा फायदा देने का लालच दिया और जब लोगों ने जमा किया तो हुवा फरार 



मुम्बई  एक आयल कंपनी के मालिक ने लोगों की बचत जमा पर ज्यादा फायदा का लालच दिया और लोग उसकी बातों में आकर उसकी कंपनी में अपने खून पसीने से कमाई गयी रकम उसके कंपनी में जमा किया इसके बाद कंपनी का मालिक लोगों की कमाई लेकर फरार हो गया है पीड़ितों ने पार्क साईट पुलिस स्टेसन में कंपनी के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है कुल सात करोड़ का मामला सामने आया है । मामला दर्ज कर पार्क साईट पुलिस तहकीकात कर रही है ।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार भांडुप के रहने वाले प्रवीण पारकर उम्र 32 वर्ष की शिकायत करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया है । पारकर  फिजियोथेरेपी का काम करते हैं 2005 में गोरेगांव की एक ज्वेलर्स की दुकान में काम करते समय उनकी पहचान दर्शन धुत्रे नामक ब्यक्ति से हुई थी उसके बाद दोनों का एक दूसरे के घर आना जाना होने लगा गए वर्ष फरवरी महीने में दर्शन के भाई रेगेश ने आर आर एंटरप्राइजेज लुब्रिकेंट आयल कंपनी के बारे में जानकारी दिया और कहा कि इस कंपनी में अगर रुपया लगाओगे तो ज्यादा फायदा होगा कंपनी एक लाख जमा करने पर डेढ़ लाख रुपया देगी प्रवीण पारकर उसकी बातों में आकर कंपनी में रुपया जमा कर दिया ।  जो करार हुवा था उसके अनुसार कंपनी के मालिक राजेश विराम ने पारकर को अपने पार्टनर एकनाथ शिंदे और महेश मिश्रा से मुलाकात करा दिया । तीनो ने मिलकर प्रवीण पारकर से कहा कि कंपनी में फिक्स डिपॉजिट पर 10%और ब्याज  5% हर महीने दिया जाएगा ।कुल 15% होता है । इन लोगों की चिकनी चुपड़ी बातों में आकर पारकर ने तीन लाख रुपया बैंक से कर्ज लिया अपने नाम पर दो लाख अस्सी हजार और अपनी बहन के नाम पर बीस हजार रुपया उनकी कंपनी में जमा किया शुरुआत में इसने कुल तीन लाख रुपये का निवेश किया उसके बाद उसको कुछ ब्याज के रूप में रुपया कंपनी ने दिया फिर पारकर ने दो लाख तीस हजार रुपया जमा किया इसके बाद उसकी रुपया मिलना बंद हो गया । इसके बाद पारकर पिछले साल  कंपनी के कार्यालय जो कि कांजुर मार्ग में स्थित था वहाँ पर गया तो उसका होश उड़ गया क्यों कि कार्यालय बंद था । इसके बाद पारकर ने अनेकों बार कंपनी के मालिक राजेश विराम और उसके दोनों सहकारियों से संपर्क करने की कोशिश किया तो किसी से भी संपर्क नही हो सका उसके बाद प्रवीण पारकर को लगा कि मेरे साथ इन तीनों ने मिलकर ठगी किया है । फिर प्रवीण पारकर ने मार्च के महीने में पार्क साईट पुलिस स्टेसन आकर अपनी शिकायत दर्ज कराई पारकर की शिकायत के बाद दश और शिकायतकर्ता पुलिस के पास आये अभी तक पुलिस की तहकीकात में करीब 900 से 1000 लोगों को इन लोगों ने चुना लगाया है । सहायक पुलिस निरीक्षक गोकुल बोरसे इस मामले की तहकीकात कर रहे हैं ।

अग्रिम जमानत की कोशिश 

आर आर एंटरप्राइजेज आयल कंपनी के मालिक राजेश विराम ने अग्रिम जमानत लेने के लिए कोर्ट में गया कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया पुलिस उसकी तलाश कर रही है गरीब , नौकरी पेशा लोगों को ज्यादा फायदा का लालच देकर लोगों को ठगने का काम करने वाले इन लोगों ने बहुत लोगों को चुना लगाया है जिनकी संख्या अभी तक बढ़ रही है पुलिस के अनुसार यह मामला बहुत बड़ा हो सकता है । अभी तक कि तहकीकात में सात करोड़ की ठगी का पर्दाफाश हुवा है।

राज्य सहकारी बैंक घोटाला प्रकरण राट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बाढ़ सकती है मुश्किल



मुम्बई राज्य सहकारी बैंक में कथित रूप से 25 हजार करोड़ रुपये के घोटाला प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत सुनवाई वाली दायर याचिका को खारिज कर दिया जिसकी वजह से अजित पवार के साथ कई बड़े नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं ।क्यों कि राज्य विधानसभा चुनाव नजदीक है इन सभी बड़े नेताओं पर आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है जिसके खिलाफ ये लोग सुप्रीम कोर्ट में गए हुए थे सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों को कोई राहत नही दिया और याचिका को खारिज कर दिया ।

राज्य के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बड़े नेता अजित पवार के साथ हसन मुशरीफ़, जयंत पाटिल ,आनंद राव अडसुल , विजय सिंह मोहिते पाटिल और शिवाजीराव नलावड़े जैसे बड़े नेताओं की मुश्किल बढती नजर आ रही है । मुम्बई उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ 6 विशेष याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी इन सभी याचिकाओं पर सोमवार 2 सितंबर को न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्रा व न्यायाधीश एम आर शाह की खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई कोई भी राहत देने से मना कर दिया और कोई भी अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया और इस मामले में आरोपी की तुरंत सुनवाई की याचिका को खारिज कर दिया । कई दिन पहले उच्च न्यायालय ने राज्य सहकारी बैंक घोटाले में 5 दिन के अंदर गुनाह दर्ज करने के लिए आर्थिक अपराध शाखा को आदेश दिया था । 25 हजार करोड़  कर्ज देने में हुए घोटाला प्रकरण में राष्ट्रवादी कांग्रेस के बरिष्ठ नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार हसन मुशरीफ़ , जयंत पाटिल , शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल , विजय सिंह मोहिते पाटिल, और शिवाजी नलावड़े के साथ कई बड़े नेताओं के खिलाफ माता रमाबाई अंबेडकर (एमआरए) मार्ग पुलिस स्टेसन में भादवि कलम 420, 409 , 406 , 467 ,468 , 34 , 120 (ब) के तहत गुनाह दर्ज किया गया है । इस मामले में कुल 76 नेताओं का समावेश है इसमें कांग्रेस , राष्ट्रवादी कांग्रेस , भाजपा व शिवसेना के नेताओं का नाम शामिल है जिसके चलते पूरी तरह से राजनीतिक मंच पर हड़कंप मचा हुआ है राज्य सहकारी बैंक में हुए 25 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुवा है इसकी तहकीकात करने के लिए आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले मंगलवार को विशेष जांच पथक(एसआईटी ) का गठन किया था आर्थिक अपराध शाखा ने पुलिस उपायुक्त श्रीकांत परोपकारी के नेतृत्व में एसआईटी की स्थापना किया इस मामले की समांतर तहकीकात ईडी भी करेगी ऐसी जानकारी मिल रही है ।
आठ महीने के अंदर एसीबी ने राज्य में किया 580 रिश्वतखोरों पर मामला दर्ज राज्य का राजस्व विभाग रिश्वतखोरी में पहले क्रमांक पर राजस्व विभाग में 137 जगह पर छापा मारा 183 रिश्वतखोर को किया गिरफ्तार विजय कुमार यादव मुम्बई मुम्बई राज्य के विभिन्न विभागों में रिश्वत मांगने की शिकायत मिलने पर एंटीकरप्शन ब्यूरो ने पिछले आठ महीने में 580 जगह पर छापा मारा जिसमे 778 आरोपियों को गिरफ्तार किया है । जिसमे राज्य का राजस्व विभाग रिश्वतखोरी में पहले क्रमांक पर है इस विभाग में 137 मामले की शिकायतें मिली और 183 लोगों को गिरफ्तार किया । गैर सरकारी के 14 और भ्रष्टाचार के 4 कुल 598 मामले एसीबी ने दर्ज किया है। राज्य में रिश्वत लेने के मामले में राजस्व विभाग पहले क्रमांक पर है इस विभाग में 137 शिकायतें एसीबी के पास आई जिसमे एसीबी ने 183 लोगों को गिरफ्तार किया ।राज्य में एसीबी के आठ विभाग हैं सभी विभागों ने कुल 580 लोगों की शिकायत मिलने पर 1 जनवरी से 30 अगस्त तक यह कार्यवाही की है ।एसीबी की इस कार्यवाही में 1 करोड़ 35 लाख 54 हजार 435 रुपये रिश्वतखोरी के थे। यह कार्यवाही वर्ग 1 के 37 वर्ग 2 के 64 अधिकारी और वर्ग 3 के सबसे ज्यादा 463 अधिकारी और कर्मचारी रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार हुए हैं।एसीबी के जाल में राजस्व विभाग , भूमि अभिलेख के 137 मामले , पुलिस विभाग 131 मामले महावितरण 24 मामले महानगरपालिका 33 मामले नगरपालिका12 मामले जिला परिषद 27 मामले पंचायत समिति 53, वन विभाग 15, जलसंपदा विभाग 11, सार्वजनिक आरोग्य विभाग 15, आरटीओ 12, शिक्षण विभाग 19 इनके साथ अन्य विभिन्न विभागों का भी समावेश है एसीबी के पास आम नागरिकों की शिकायत बढ़ रही है अब लोगों में जागरूकता आ रही है इसके बावजूद रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेने व मांगने में कमी नही आई है । संपदा के 14 मामले दाखिल बीते आठ महीने में संपदा का एसीबी ने 14 मामले दाखिल किया है इसमें 26 लोग गिरफ्तार हुए हैं जिसमें 11 अधिकारी और 12 बाहरी लोग हैं अपसंपदा मामले में कुल रकम 7 करोड़ 79 लाख 17 हजार 649 है ऐसी जानकारी एसीबी ने दिया है । पुणे विभाग में सबसे ज्यादा मामले हुए दर्ज राज्य में सबसे ज्यादा मामले पुणे विभाग में हुए हैं इस विभाग में 128 मामले में एसीबी को सफलता मिली है इसमें 173 लोगों पर कार्यवाही हुई है दूसरा क्रमांक औरंगाबाद 85 मामले और मुम्बई विभाग में सबसे कम 27 ठाणे विभाग में 60 नासिक विभाग में 79 नागपुर 66 अमरावती 76 नांदेड़ विभाग में 59 एसीबी का ट्रेप सफल हुवा है । वर्ष वर आंकड़े वर्ष ट्रेप की संख्या 2011 437 2012 489 2013 583 2014 1245 2015 1234 2016 985 2017 875 2018 891 2019 580

मुम्बई में गणेशोत्सव के चलते कड़क बंदोबस्त चप्पे चप्पे पर पुलिस की नजर



मुम्बई राज्य के आराध्य देव विघ्नहर्ता  गणेश का आगमन हो गया है मुम्बई शहर में कानून ब्यवस्था में कोई विघ्न ना हो इसके लिए पुलिस ने कड़क बंदोबस्त किया है सभी पुलिस कर्मचारियों की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है लालबाग के राजा का दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुरक्षा में बढ़ोत्तरी की गई है 1200 सौ से अधिक पुलिस को राजा का दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुरक्षा में लगाया गया है भीड़ की जगह पर ड्रोन से भी नजर रखी जायेगी ऐसा सूत्रों का कहना है । गणेशोत्सव के समय लालबाग के राजा का दर्शन करने आने वाले भक्तों की बहुत भीड़ होती है इन सभी की सुरक्षा के लिए यहाँ पर एक विशेष कमांड कंट्रोल रूम बनाया हुआ है ।

लालबाग के राजा का दर्शन करने आने वाले भक्तों की सुरक्षा के लिए 1 अतिरिक्त संयुक्त पुलिस आयुक्त , 12 पुलिस उपायुक्त, 200 सौ पुलिस निरीक्षक, 800 सौ पुलिस कर्मचारी , 1 एसआरपीएफ , 2 सीसीटीवी वैन , कौंबिंग ऑपरेशन पथक, हर प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर, हैंड डिटेक्टर, के साथ 1200 सौ लोगों की पूरी फौज लगाया गया है । यातायात विभाग पुलिस ने गणेशोत्सव के दरम्यान कई मार्गों में बदलाव किया है । पूरे मुम्बई शहर में 7610 सार्वजनिक गणपति मंडल हैं जिसमे में से कई ख्यात प्राप्त हैं और इन मंडलो में ज्यादा भक्तों की भीड़ होती है इन जगहों पर अपराधी प्रवृत्ति के लोग किसी प्रकार की घटना को अंजाम न दे पाए इसके लिए मुम्बई पुलिस 44 हजार लोगों की फौज तैनात किया है । ये सभी पुलिस कर्मचारी व पदाधिकारी महत्वपूर्ण जगहों पर गस्त करेंगे । पूरे मुम्बई शहर में 5 हजार सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है इन कैमरों की मदद से भीड़ की जगह पर पैनी नजर रखी जा रही है ।स्थानीय गणपति मंडलों पर पुलिस दिनभर में 3 से 4 बार जाकर परिस्थिति का जायजा लेगी सुरक्षा की दृष्टी को देखते हुए सभी सार्वजनिक मंडलों को सीसीटीवी लगाने का आदेश भी दिया गया है । भीड़ की जगह पर छोटे बच्चों, बूढ़े और महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष स्कॉड तैनात किया गया है । भीड़ की जगह पर छेड़छाड़ की कोई घटना ना हो इसके लिए 200 सौ से अधिक महिला पुलिस को तैनात किया गया है इसके साथ 6 एसआरपी पुलिस दल , पैरामिलिट्री फोर्स ,3 हजार 600 सौ यातायात पुलिस , सशस्त्र पुलिस दल के 100 जवान और हैमरेडिओ के 35 स्वयंसेवक मुम्बई पुलिस और एनजीओ के साथ मिलकर इस दौरान कड़क बंदोबस्त में रहेंगे । इसके अलावा पुलिस की मदद के लिए ट्रेनी पुलिस , होमगार्ड के जवान, नगर संरक्षण दल के कर्मचारी और आपत्ति ब्यावस्थापन के स्वयंसेवक , नागरी संरक्षण के जवान , एनसीसी  के  छात्र स्काउट गार्ड के छात्र भी रहेंगे ।

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मुम्बई शहर में कुल गणपति की संख्या 
घरों में जो गणपति रखी गयी है उनकी कुल संख्या 1 लाख 32 हजार 422 है । गौरी स्थापना 11 हजार 667 सार्वजनिक गणपति मंडल 7 हजार 703 
विसर्जन स्थल 129 

ये रखेंगे नजर 

5 हजार सीसीटीवी से सभी पर नजर 
एसआरपी की 1 कंपनी ,डीएफएमडी 20, एचएचएमडी 50, सीसीटीवी वैन 2,  कोंबेक्ट वैन 4

राज्य पुलिस दल में संख्या बल की जरूरत


मुंबई:- राज्य के आर्थिक अपराध शाखा का सशक्तीकरण करने की जरूरत के साथ उनके हक के घर का भी बंदोबस्त करना जरूरी है । राज्य पुलिस दल की संख्या को बढ़ाने की भी जरूरत है राज्य में अभी 1 लाख लोगो की जनसंख्या पर 170 पुलिस की संख्या है अंतरराष्ट्रीय मानक के मुताबिक यह संख्या बहुत कम है। राज्य में अभी 1 लाख 78 हजार 4 सौ 19 पुरुष पुलिस व 26 हजार 2 सौ 36 महिला पुलिस है इसमें 1 हजार 743 और 24 हजार 204 पुलिस कर्मचारी है इतनी कम संख्या होने से पुलिस को दिन रात ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ती है जिसके वजह से पुलिस पर हमेशा तनाव बना रहता है ।

राज्य के अन्य सरकारी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग लागू हो गया है लेकिन  पुलिस दल में सांतवा वेतन आयोग की सिफारिश को  अभी तक पूरी तरह से लागू नही हुआ है आयोग की इस कार्यवाही के बाद सम्मान जनक वेतन मिले ऐसी आशा पुलिस दल कर रहा है इसके अलावा पूरे देश में सायबर क्राइम की संख्या बढ़ती जा रही हैं इसको ध्यान में रखकर राज्य की आर्थिक राजधानी मुंबई में 4 सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन बनाने की योजना अभी तक कागज पर ही है एटीएस के लिए नया मुख्यालय बनाने की योजना भी अभी तक कागज पर ही विद्यमान है आर्थिक गुनाहों पर नजर रखने के लिए आर्थिक अपराध शाखा का सशक्तिकरण करना जरूरी है इसके लिए 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता है ऐसा जानकारों का कहना है ।

आधुनिक यंत्रों की जरूरत 

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पूरी तरह से सीसीटीवी लगाया गया है लेकिन इनकी गुडवत्ता ठीक नही है ऐसी शिकायत पुलिसवालों की है इनका कहना है कि इस सीसीटीव कॅमेरे से जो रिकार्डिंग होती है उसमें गाड़ी का नंम्बर साफ दिखाई नही देता है मुंबई की धरती पर राज्य के अलग जिलों में भी आधुनिक गुडवक्ता से युक्त सीसीटीवी कॅमेरा लगाने की जरूरत है इस सबको लगाने के लिए 325 करोड़ की जरूरत है ।

पुलिस के हक का घर 

राज्य पुलिस दल में काम करनेवालो के लिए खुद का घर होना चाहिए इसके लिए राज्य सरकार ने पनवेल में जगह दिया हुआ है इस जमीन के लिए राज्य सरकार का राजस्व विभाग के अलावा अन्य विभाग के द्वारा जमीन का संपादन करना है इसके लिए गृह विभाग ने एक योजना तैयार किया है।  2019 से इस योजना की शुरुआत की जानेवाली है 43 प्रकल्पों में 21 निवासी बिल्डिंग के लिए 1696 करोड़ रुपये का काम शुरू है अकोला,गोरेगाँव, सतारा, जलगाँव, मरोल,मुलुंड,ठाणे, बीड़, नांदेड़, रायगढ़,मालेगांव,और उस्मानाबाद में गृह प्रकल्प के लिए निविदा का काम अंतिम पड़ाव पर है इसको भी गति देने की जरूरत है ।

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राज्य पुलिस दल के आधुनिकीकरण,उत्कृष्ट बनाने के लिए सुविधा देना कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना उनके लिये निवास स्थान का बंदोबस्त करना ऐसी अनेक समस्याओं पर समय समय पर घोषणा होती है इसके बावजूद धरातल पर कोई भी कार्य दिखाई नही देता है यह प्रश्न हमेशा अनुत्तरित रहता है ।
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 महत्वपूर्ण कार्य मे खर्च होने का आंकड़ा 

राज्य सरकार के बजट में गृह विभाग के लिए 13385 करोड़ का है । पुलिस स्टेशन नियंत्रण कक्ष को जोड़ने के लिए 150.52 करोड़ पुलिस स्टेशन और न्यायालय के समन्वय के लिए 25 करोड़ जिला नियंत्रण कक्ष और पुलिस स्टेशन को जोड़ने के लिए 165.92 करोड़ पुलिस स्टेशन में ई गवर्नेस  योजना के लिए 114.99 करोड़ रुपये का प्रावधान है ।

शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार ने उठाया बड़ा कदम दाऊद, हाफिज और मसूद को केंद्रीय गृहमंत्रालय ने किया आतंकी घोषित


मुम्बई  मौलाना मसूद अज़हर हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम और जकी उर रहमान लखवी को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने औपचारिक तौर पर आतंकवादी घोषित कर ही दिया। यह कार्रवाई केंद्र की सरकार ने नए कानून यूएपीए एक्ट के नए संशोधित कानून की धारा 3 के तहत किया है ।


यह तीनों आतंकी भारत में कई आतंकवादी घटनाओं में वांटेड हैं और ये तीनो आतंकवादियों को पाकिस्तान में शरण लिए होने का सबूत समय समय पर सामने आते रहते  हैं. हमेशा यह कहा जाता रहा है  कि भारत सरकार की इस कार्रवाई के बाद इन तीनो आतंकियों और उनको शरण  देने वाले पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।


कौन हैं ये आतंकी क्यों भारत में हैं ये मोस्ट वॉन्टेड
पुलवामा अटैक के पीछे था मसूद अजहर का हाथ

मौलाना मसूद अजहर जिसको मौलाना मसूर अजहर भी कहा जाता है इसका जन्म 1968 में हुवा था यह जैश ए मोहम्मद नाम के आतंकी संगठन का संस्थापक है इसका आतंकी संगठन भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में भी सक्रिय है।  जैश को तो संयुक्त राष्ट्रसंघ ने  भी ब्लैकलिस्ट में डाल दिया है. इस आतंकी संगठन का संचालन पाकिस्तान से होता है. मसूद भारतीय संसद पर 2001 में हुए हमले, पठानकोट एयरबेस अटैक और हाल ही में हुए पुलवामा अटैक का भी  मास्टरमाइंड है.मसूद को भारत ने 1994 में पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट पर यात्रा के लिए गिरफ्तार किया था. आज से 17 साल पहले 1999 में कंधार विमान अपहरण के वक्त इसे भारत को रिहा करना पड़ा था.


मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सईद

हाफिज़ मुहम्मद सईद लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकवादी संगठन का प्रमुख है मौजूदा समय  में यह  एक और आतंकवादी संगठन जमात-उल-दावा का भी सर्वेसर्वा है. मुंबई में हुए  26/11 आतंकी हमले की साजिश रचने में मुख्य रूप से इसका हाथ था. भारत हमेशा पाकिस्तान से उसे सौंपने की मांग करता आ रहा है. लश्कर-ए-तैयबा कश्मीर में भारत के खिलाफ जिहादी ऑपरेशन के लिए मुख्यरूप से  जाना जाता है. हाफिज सईद इस संगठन को पाकिस्तान में लाहौर के पास मुरीदके शहर से संचालित करता है.यह पाकिस्तान में छुपा  हुवा है। 

1993 के मुंबई बम धमाकों में वॉन्टेड है दाऊद इब्राहिम

दाऊद इब्राहिम को भारत का  सबसे बड़ा दुश्मन कहा जाता है. यह 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत से मिलों दूर है. यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के मुताबिक  इसके पास कई पाकिस्तानी पासपोर्ट हैं. जो कि रावलपिंडी और कराची से जारी किए गए हैं. भारत की सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि वो पाकिस्तान के कराची में नूराबाद हिल्स के आलीशान बंगले में भारी सुरक्षा के बीच आलीशान बंगले में रहता है। मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड ज़की उर रहमान लखवी पाकिस्तान में जमानत पर जेल से बाहर है। जकी उर रहमान लखवी, लश्कर ए तैयबा का ऑपरेशन मुखिया है. लखवी ने 2008 में हुए हमले का प्लान तैयार किया था. इतना ही नहीं वह समुद्री रास्ते से मुंबई पहुंचे यात्रियों से लगातार संपर्क में था और उन्हें निर्देश दे रहा था. यह पाकिस्तान में ही रहता है.
पिछले महीने कश्मीर का विशेष दर्जा 370 धारा और 35 ए समाप्त किए जाने के बाद एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई हमले का मास्टरमाइंड जकी-उर रहमान लखवी पीओके में बैठकर आतंकी हमले की साजिश रच रहा है. बताया जा रहा है कि लखवी के इशारे पर 40-50 आतंकी भारत में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं. इन आतंकियों को छह से सात ग्रुप में सरहद पार कराने की साजिश रची गई है. इस साजिश में पाकिस्तानी सेना भी शामिल है और घुसपैठ कराने के लिए भी वही मदद कर रही है कश्मीर में 3 सितंबर मंगलवार को पाकिस्तान के 2 आतंकवादी घुसपैठ करते समय  पकड़े गए हैं और उन लीगों ने जो बयान दिया है उससे जाकी उर रहमान की गतिविधियों को सही साबित कर रही हैं ।

क्या नवी मुम्बई महानगरपालिका पर लहराएगा बीजेपी का झंडा...?


क्या राकांपा के 55 नगरसेवक बनाएंगे महानगरपालिका में अलग गट 

बहुमत के लिए 56 नगरसेवकों की संख्या


बीते कई दिनों से चर्चा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री गणेश नाईक आखिरकार 9 सितंबर को बीजेपी में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में सदस्य्ता लेकर  प्रवेश करेंगे । इसके बाद क्या नवी मुम्बई महानगरपालिका पर बीजेपी का झंडा फहरेगा...? अगर ऐसा हुवा तो राट्रवादी कांग्रेस की महानगरपालिका में जो सत्ता है वो जा सकती है ।

अगर गणेश नाईक 9 सितंबर को बीजेपी में प्रवेश करते हैं तो उनके समर्थक राष्ट्रवादी कांग्रेस के 55 नगरसेवक और निर्दलीय 2 नगरसेवक अलग गट बनाने के लिए कोंकण भवन कार्यालय जाकर एक अलग गट बनाने के लिए आवेदन देंगे । नवी मुम्बई महानगरपालिका में सत्तारूढ़ होने के लिए 56 नगरसेवकों की आवश्यकता है । इसके लिए गणेश नाईक समर्थक नगरसेवकों ने अलग गट बनाया तो राष्ट्रवादी कांग्रेस की सत्ता अपने आप चली जायेगी और नवी मुम्बई महानगरपालिका पर बीजेपी का झंडा फहरेगा । कई दिन पहले संदीप नाईक ने विधायक पद से इस्थिपा दे दिया था और पूर्व महापौर सागर नाईक के साथ बीजेपी में एक सार्वजनिक रैली जो हुई थी उसमें शामिल हो गए थे । ये दोनों भाई गणेश नाईक के ही पुत्र हैं इसके बाद गणेश नाईक और  उनके बड़े बेटे संजीव नाईक की मौन स्वीकृति से कार्यकर्ताओं के अंदर बीजेपी में प्रवेश करने की साफ तरह से हलचल  शुरू है ।बीते शनिवार को एक कार्यकर्ता संमेलन में राष्ट्रवादी कांग्रेस की सांसद सुप्रिया सुले का स्वागत बीजेपी में शामिल होने की राह पर होने के बावजूद संजीव नाईक ने सुप्रिया सुले का स्वागत अपनी पत्नी के ससथ  किया था । कार्यक्रम खत्म होने के बाद भी दोनो में करीब एक घंटे आपस मे चर्चा हुई थी और अब इस चर्चा पर पूर्णविराम लग गया है ।नाईक और कई लोग जो बीजेपी में शामिल हुए थे उस समय राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने तीब्र टिप्पणी की थी और कहा था कि पिछले पांच सालों से नाईक राष्ट्रवादी कांग्रेस के लिए खड़े खोद रहे थे  । गणेश नाईक का थाने के साथ कल्याण डोंबिवली, उल्लासनागर, मीरा भाईंदर के ग्रामीण इलाकों में वर्चश्व है जिसके चलते अगर नाईक बीजेपी में आते हैं तो बीजेपी को बहुत ही राजनीतिक फायदा होगा और ठाणे जिले में भी राष्ट्रवादी कांग्रेस में सेंध लगेगी ऐसी चर्चा चल रही है आने वाली 9 तरीख को इस चर्चा पर भी विराम लगने की संभावना है ।

हत्या के मामले में करीब 12 साल जेल में सज़ा काटने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपों से किया निर्दोष मुक्त


मुम्बई कल्याण के रहने वाले उमेश पडवल और प्रविण जगन्नाथ गोडसे अपने पड़ोस में रहने वाले का प्रत्यक्षात रूप से हत्या न करने पर 11 साल 7 महीने की सज़ा जेल में काटने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों को सभी आरोपों से निर्दोष मुक्त कर दिया है । जब इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था तो उमेश की उम्र 20 वर्ष और प्रवीण की उम्र 18 साल की थी ।

उमेश और प्रवीण जगन्नाथ काला तालाब के पास स्थित शिव मंदिर के पीछे काटकर चाल में रहते थे । नाशिक जिले के तालुका पेढ के सदरपाढा से एक बेरोजगार युवक का अपहरण कर उसकी हत्या करने के आरोप में कल्याण सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी । इसके खिलाफ दोनो आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील किया हाईकोर्ट ने भी सत्र न्यायालय की सज़ा को ही मंजूरी दे दी थी ।हाईकोर्ट से भी इन दोनों को कोई राहत नही मिली थी । फिर इन दोनों ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया । इनकी अपील को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर किया और न्यायाधीश एन व्ही रमणा,  मोहन शांतना गोदुर व न्यायाधीश अजय रस्तोगी की खंडपीठ ने दोनों को सभी आरोपों से निर्दोष मुक्त कर दिया । इस  मामले में  जुलाई 2002 से अभी तक 11 साल 7 महीने जेल में रहने के बाद अगस्त 2014 में हाईकोर्ट ने दोनों को 25 25 हजार की जमानत दिया था । इस प्रकार से इन दोनों का तरुण की उम्र जेल में ही कट गई इस समय इनकी उम्र 38 और 35 है । यह पूरा मामला परिस्थिति के सबूत पर आधारित था  पूरे आरोपपत्र में यही दोनो आरोपी हैं और अपहरण कर के हत्या किया है कोई भी सबूत मिला नही और यही आरोपी है यह भी साबित नही हुवा । मुरबाड के पास गोरक्ष गडा के पास एक पेड़ से अजीब स्थिति में अटका हुआ ज्ञानेश्वर का शव मिला था और उसके शव को उमेश ने दिखाया था ऐसा झूठा सबूत कल्याण के बाजार पेठ पुलिस स्टेसन ने तैयार कर न्यायालय में पेश किया था ।

क्या था मामला 

विवाहित और बेरोजगार ज्ञानेश्वर प्लंबर का काम करता था उसका मामा जयराम कल्याण के काला तालाब इलाके में रहता था । जयराम उमेश से इसलिए मिला था कि उमेश उसके भांजे ज्ञानेश्वर को  वासिन्द स्थित जिंदल कंपनी में नौकरी लगा देगा जब जयराम ने अपने भांजे को नौकरी लगाने के लिए उमेश से  कहा तो उमेश ने कहा कि उसके लिये 60 हजार रुपया लगेगा । इस बात को जयराम ने ज्ञानेश्वर को बताया था । और पैसे का इंतजाम करने के लिए गांव चला गया गन्ने को बेचकर उसने उमेश को पैसे दिए इसके बाद उमेश ने कहा कि  ज्ञानेश्वर  को लेकर मैं वासिन्द जिंदल कंपनी जाता हूं ऐसा कह कर वह लेकर चला गया ।उस रात को ज्ञानेश्वर घर पर नही आया तो जयराम ने उमेश से उसके बारे में पूछा कि ज्ञानेश्वर अभी तक घर पर नही आया हैं तो उमेश ने कहा कि कंपनी से वापस आने के समय वासिन्द रेलवे स्टेसन पर ज्ञानेश्वर ने कहा कि मुझे और कही जाना है मैं वहां जाकर आता हूं । शुरुवात में ज्ञानेश्वर की शिकायत गुमशुदा की थी फिर बाद में उमेश और प्रवीण जगन्नाथ पर ठगी, अपहरण, और हत्या का मामला पुलिस ने दर्ज किया था ।