सोमवार, 24 मई 2010

26/11 ka mujarim hedali

मुम्बई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपी पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली द्वारमें अपना जुर्म कबूले जाने का 26/11 आतंकी हमलों संबंधी मुम्बई की अदालत में चल रहे मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। महानगर में 2008 में हुए आतंकी हमले के मुकदमे में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने यहां यह बात कही

बहरहाल, इससे मुंबई की अदालत में 26/11 मामले पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि सुनवाई लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई है।
निकम ने कहा कि अजमल कसाब ने मैजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी स्वीकारोक्ति में कहा है कि हमलावरों को पाकिस्तान के प्रशिक्षण शिविर में मुम्बई के ठिकानों की सीडी दिखाई गई थी। लिहाजा लश्कर-ए-तैयबा ने विभिन्न माध्यमों से ठिकानों की टोह ली थी।'
हेडली के खिलाफ साजिश के छह आरोप लगाए गए हैं जिनमें भारत में सार्वजनिक स्थलों पर विस्फोट करना, भारत में लोगों की हत्या करना एवं विकलांग बनाना तथा विदेशी आतंकी साजिश एवं लश्कर को भौतिक रूप से समर्थन देना। उस पर भारत में छह नागरिकों की हत्या में सहयोग देने के भी छह आरोप हैं।





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मुंबई- डान के ठिकाने पर UK कि मुहर

अंडर वर्ल्ड डान दाउद अब पश्चिमी देशो से अपने अपराध को आपरेट नहीं करता......जो खबरे डान के लिए आ रही थी..वह सच साबित हो चुकी है....दाउद ने मलेशिया और दुबई से अपने धंधे का रास्ता बदल दिया है....और कराची को एक नहीं दो नहीं बल्कि कई सालो से इस्तेमाल कर रहा है....जी हाँ डान सिर्फ कराची में रहता ही नहीं..बल्कि कराची से अपना व्यापार भी चला रहा है....यू के कि इकोनामिक्स एंड फिनांस मिनिस्ट्री कि वेब साईट से इस बात का खुलासा अब हो चूका है...


अंडर वर्ल्ड डान दाउद दुबई..मलेशिया और बेंकाक से दूर निकल चूका है.......क्यु की डॉन अब आ चूका है,भारत के पडोसी देश पाकिस्तान में...

डान के हर बदलते ठिकानों पर अब यू के कि वेब साईट ने अपनी मुहर लगा दी है....

जी हां दाउद इब्राहिम कासकर पाकिस्तान के कराची शहर में है...

कराची के किलिफ्टन से वह फैला रहा है.....मौत देने वाली दहशत....

जहा से वह ड्रग्स...सट्टा बाज़ार..इस्मगलिंग....और मौत बरसाने के कारोबार को अंजाम दे रहा है....

और दे रहा है अपने गुर्गो को फरमान......वसूली और आतंक फैलाने का फरमान...

पूर्व आई पी यस अधिकारी वाई पी सिंह का कहना है की जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहेगा

मुंबई पुलिस और भारत सरकार हमेशा से ही कहा करती थी...कि पाकिस्तान मुंबई के वांटेड आतंकी दाउद को पनाह दे रहा है...

मगर इस बात से न तो पाकिस्तान सहमत था...और ना ही अमेरिका...मगर अब यू के को इस बात का न ही अहसास हुआ है...कि डॉन पकिस्तान में है...

बल्कि डॉन के असली ठिकानों कि शिनाख्त कर कराची पर अपनी मुहर भी लगा दी है...अंडर वर्ल्ड के खबरियो कि माने तो डॉन तो कई सालो से कराची को अपना ठिकाना बनाया हुवा है ...मगर पाकिस्तान किसी भी हालत में नहीं चाहेगा कि डॉन भारत को डिपोर्ट किया जाय..

मुंबई से करोडो कि वसूली करने वाले डान के ठिकानों पर यू के कि लगी मुहर का असर अब तभी होगा...जब अमेरिका पाकिस्तान पर अपना शिकंजा मज़बूत करेगा....और भारत में आतंक को अंजाम देने वाले दाउद को डिपोर्ट करने के लिए पाकिस्तान पर अपने तेवर सख्त करेगा....वर्ना रिपोर्ट्स बनती रहेंगी....और डॉन कि गोलिया बरसाती रहेंगी...मौत और तबाही ......

और डॉन कि तरह हर अपराधी को यू ही मिलती रहेगी पड़ोसी मुल्क में पनाह.

अल-कायदा से जुडे दुनिया भर के लगभग 100 आतंकी संगठनों को सरकार ने भारत में आतंकी संगठन घोषित करते हुए प्रतिबंधित कर दिया है

तैयारी की गई सूची में शामिल प्रमुख संगठनों में इंडोनेशिया का जेमाह इस्लामिया, इस्लामिक लीबिया का जिहाद गु्रप, मोरक्को का इस्लामिक कम्बैटैंट गु्रप, इज्पिटियन इस्लामिक जिहाद, इंटरनेशनल इस्लामिक रिलीफ ऑर्गनाइजेशन, फिलीपीन्स का अबु सैयाफ समूइ और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान हैं ये सभी संगठन वैश्विक आतंकी नेटवर्क से जुडे हुए है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र प्रीवेंशन एंड सप्रेसन ऑफ टेररिज्म (इम्प्लीमेंटेशन ऑफ सिकुरिटी काउंसिल रिसोल्यूशन) आर्डर, 2007 के तहत प्रतिबंधित किए गए है इनके नामों को गृह मंत्रालय की प्रतिबंधित संगठनों की सूची में 33 संगठनों के साथ शामिल कर दिया है

मंत्रालय ने इनके नामों को प्रतिबंधित संगठनों की अपनी संशोधित सूची में डाल दिया है यह सूची संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद दमन और निषेध, सुरक्ष परिषद प्रस्ताव कार्यान्वयन आदेश, 2007 के तहत बनाई गई है

महाराष्ट्र में मराठी की हालत

भूमिपुत्रों और मराठी अस्मिता का झंडा बुलंद करने के लिए कोई भी लड़ाई लड़ने को तैयार नेताओं के


लिए एक दुखद संदेश है। वह यह कि बीएमसी के स्कूलों में मराठी पढ़ने वाले छात्रों की संख्या तेजी से गिर रही है और उतनी ही तेजी से अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों और छात्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। हां, मराठी की अपेक्षा देखें तो हिंदी का बोलबाला कायम है। पिछले 6 सालों में जहां मराठी माध्यम के 68,125 छात्र कम हुए तो हिंदी माध्यम के 22,071 छात्र ही कम हुए। यानि की हर तीन मराठी छात्र के पीछे एक हिंदी माध्यम का छात्र कम हुआ है। जबकि अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में 8,219 का इजाफा हुआ। साल 2004-05 से लेकर साल 2009-2010 तक मराठी माध्यम ने जहां 945 शिक्षक खोए वहीं पर अंग्रेजी माध्यम ने 323 तथा उर्दू माध्यम ने 497 शिक्षकों का 'गेन' किया।



बहरहाल, आरटीआई से प्राप्त आंकड़े बताते हैं कि मराठी माध्यम में शिक्षा पाने के लिए विद्यार्थियों की ऐसी तंगी पहले कभी नहीं रही। अब महानगर की मनपा शालाओं में हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों का बहुमत है। शैक्षणिक सत्र 2009-2010 में हिंदी माध्यम के 1 लाख 14 विद्यार्थी थे जबकि मराठी भाषी विद्यार्थियों की संख्या मात्र एक लाख 7 हजार रह गई।



आरटीआई के जरिए यह सूचना हासिल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गलगली का कहना है कि मराठी अर्थात मायबोली और भूमिपुत्र सिर्फ का विकास सिर्फ राजनीतिक विकास का मुद्दा है, जबकि हकीकत तो यह है कि भूमिपत्र दिनों-दिन रोजगारपरक भाषा अंग्रेजी की तरफ आकषिर्त होते जा रहे हैं। कुर्ला का हवाला देते हुए गलगली ने कहा है कि यहां के कुछ मनपा स्कूलों की हालात देखकर यह कहीं से नहीं कहा जा सकता है कि यह किसी 20,000 करोड़ रुपए के सालाना बजट वाली महानगरपालिका के स्कूल हैं। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान तो इन स्कूलों की हालत बद से बदतर हो जाती है। उनका कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो एक दिन मनपा स्कूलों में छात्रों का अकाल हो जाएगा।



पिछले 6 सालों के आंकड़े बताते हैं कि इन सालों में 38.8 प्रतिशत मराठी विद्यार्थी कम हुए हैं। 2004-2005 में 1 लाख 75 हजार मराठी माध्यम के विद्यार्थी थे और हिंदी के विद्यार्थी उसी काल में मात्र एक लाख 35 हजार थे। 2004-2005 में अंग्रेजी माध्यम के मात्र 18 हजार 4 सौ 18 विद्यार्थी मनपा शालाओं में थे। 2009-2010 तक यह संख्या बढ़कर 26,637 हो गई। हिंदी की बात करें तो यहां भी 16 प्रतिशत (22,071) विद्यार्थी कम हुए। गत 5 सालों में मराठी माध्यम के स्कूल भी कम हुए हैं। स्कूलों की संख्या 450 से घटकर मात्र 413 रह गई है। हिंदी माध्यम के स्कूल 235 से 233 हुए। अतिरिक्त मनपा आयुक्त (शिक्षा) ए. के. सिंह का कहना है कि उच्च शिक्षा का माध्यम और पुस्तकें अंग्रेजी में होने कारण विद्यार्थी अंग्रेजी का रुख कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने मनपा शालाओं के खस्ताहाल को भी विद्यार्थियों के विमुख होने का कारण बताया।

दाऊद को भारत लाना मुस्किल

डान को पकड़ना मुस्किल नहीं नामुमकिन है .इसको अपनी पहचना बताने की जरूरत नहीं होती है ...जहा भारत हर दिन दाऊद को पकड़ने और लाने का प्रयास कर रहा है ... मुंबई के पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त वाई .सी पवार कह रहे है की भारत में इतनी औकात ही नहीं है की उसको पकड कर ला सके ...




-दाउद इब्राहिम भारत का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी है. जिसके गैंग में 5,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं और उसे इस को डी कंपनी के नाम से जाना जाता है...

पूर्व संयुक्त पुलिस आयुक्त वाई .सी पवार का कहना है की

दाउद इब्राहिम को भारत लाना नामुमकिन है १९९३ बम धमके का आरोपी दाऊद को काफी दिनों से सीबीआई हर प्रयास कर रही किसी तरह से दाऊद को लाया जाये लेकिन सारी प्रयास विफल हो जा रही है ..क्यों को दाऊद का साथ पाकिस्तान की सरकार और वह के आतंकवादी सगठन दे रहे है ....डी कम्पनी के मुखिया हर एक समय एक नयी चाल चल कर अपना ठिकाना बदलते रहता है ...जहा सीबीआई काफी दिनों से ढूढ़ रही है वही इंटर पोल ने भी डी कंपनी के मुखिया को रेड कार्नर नोटिस जारी किया है ..



इस गिरोह के लोग नशीली दवाओं की तस्करी, सुपारी लेकर हत्या करने सहित कई अपराधों को अंजाम दिया है और अपना प्रभाव पाकिस्तान, भारत और संयुक्त अरब अमीरात में फैलाया हुआ है.अपने बिजनेस को हर दिन गलत तरीके से बढ़ा रहा है ...

मोबाईल से हो सकती हैं घातक बीमारियाँ

बातचीत का हमारा सबसे सरल तरीका.....पल भर में संदेशो का आदान प्रदान.....हमारे लिए जहा सरल साधन बनकर दुनिया के बाजारों में अपनी पहचान बना चूका है....वही अब आने वाले दिनों में ज़िन्दगी का दुश्मन भी बन सकता है.....जी हाँ हमारा मोबाइल अब हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन बन चूका है.......आने वाले दिनों में मोबाइल अनगिनत लोगो के जान का दुश्मन बन सकता है.....




हर हाथ में मोबाइल.....घर घर में मोबाइल..........हर तरफ मोबाइल.....जिधर देखो उधर मोबाइल.....वक़्त के साथ साथ तकनीकी सुविधाओं से लेस हो चुकी है हर उम्र...की पहचान बन गया है हमारे जिंगदी कि सबसे बड़ी ज़रूरत.....मगर अब यही ज़रूरत धीरे धीरे अपना रंग बदलती जा रही है....जी हा मोबाइल फोन्स अब हमारे लिए खतरे कि सबसे बड़ी घंटी बनता जा रहा है....दुनिया के विशेषज्ञों के मोबाइल पर किये गए सर्वे ने मोबाइल धारको को सकते में डाल दिया है....मोबाइल के लगातार इस्तेमाल करने पर ब्लड प्रेशर के साथ साथ ब्रेन केंसर आप कि ज़िन्दगी में दस्तक दे सकता है....

डॉ सुनीता एन दुबे (रेडिओ लोजिस्ट) --

विशेषज्ञों कि माने तो मोबाइल से निकलने वाली तरंग्स धीरे धीरे ब्लड में आब्ज़र्व होती है...फिर गले और मस्तक पे अपना प्रभाव दिखाने लगती है....जिससे हमारे बॉडी में रेडियेशन का खतरा बढ़ जाता है....अपना प्रभाव सबसे पहले गले कि प्रोब्लम और सर पर हावी हो जाता है... क्यु की १० साल तक लगातार रोज़ ४ घंटे इस्तेमाल करने से ब्रेन केंसर को रोका नहीं जा सकता...फोन ज्यादा इस्तेमाल करने वालो पर अब खतरे कि घंटी ने दस्तक भी देनी कर दी

है

बड़े शहरो के अलावा अब मोबइल फोन हर गली चौराहों पर हर हाथ में देखा जा रहा है.....आज का युआ वर्ग मोबाइल सेवन में सबसे आगे है...और इसकी गिरफ्त में भी आज के युआ ही आ रहे है....ज़रूरत है कि मोबाइल के सेवन से बचने का उपाय निकाला जाय....वर्ना इस उम्र में इनकी संख्या के इजाफे से परहेज़ भी नहीं किया जा सकता

रविवार, 9 मई 2010

जानिए ललित मोदी

देश को आईपीएल की खूंटी पर टांग देनेवाले ललित मोदी आखिर हैं कौन? हब्सियों की तरह अनवरत अंग्रेजी बोलने में सिद्धहस्त ललित मोदी के जीवन की कहानी कम दिलचस्प नहीं है. क्रिकेट को पूंजी का खेल बना देनेवाले ललित मोदी बड़े शिकार करने में विश्वास करते हैं भले ही इसके लिए कोई कीमत चुकानी पड़ जाए. अपने मां की सहेली से शादी रचाने वाले ललित मोदी ने शशि थरूर से एक छोटी सी खुन्नस पर ऐसा खेल किया कि शशि थरूर को अपने मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ गया.

ललित मोदी एक अमीर बाप कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं. कृष्ण कुमार ४००० करोड़ रुपयों की कीमत वाली मोदी समूह के अध्यक्ष हैं.ललित मोदी के दादा राज बहादुर गुजरमल मोदी ने मोदीनगर की स्थापना की थी. बचपन से ही ललित अमीर बाप की बिगड़ी औलाद की तरह हरकतें करते थे,मसलन वे स्कूल से अक्सर भाग आते थे,बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दिल्ली की सडकों पर फर्राटेदार गाड़ियां चलाते पाए जाते थे. बाप ने किसी तरह पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश भेजा तो कोकीन के आदी बन गए और ड्यूक युनिवर्सिटी में पढ़ते समय ४०० ग्राम कोकीन के साथ पकडे गए. उन पर उस मामले में अपहरण और मारपीट का भी आरोप लगा.बाप के धनबल ने उन्हें उस मामले में किसी तरह बचाया. वे पढाई कर रहे थे उन्हीं दिनों अपनी माँ की एक सहेली मिनल को दिल दे बैठे जो उनसे उम्र में ९ साल बड़ी थी. मिनल ने अपने पति से तलाक ले लिया. मोदी के परिजन विरोध करते रहे फिर भी उन्होंने मिनल से शादी कर ली. जवानी के दिनों में ललित का कभी क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं रहा. मुंबई में पिता के कपडे के कारोबार में कुछ दिनों तक काम करने के बाद वाल्ट डिस्नी के साथ एक संयुक्त उपक्रम में ललित ने ईएस्पीएन के वितरण का काम शुरू किया. कालान्तर में रुपर्ट मुर्डोक के स्टार ने ईएस्पीएन के साथ समझौता कर लिया और मोदी के वितरण के अधिकार ख़त्म हो गए. उन दिनों डिस्नी और मुर्डोक के बीच रंजिश हुआ करती थी,तब ईएस्पीएन के अधिग्रहण के लिए मुर्डोक से मोदी पिता-पुत्र ने फ़ॉक्स स्टूडियो में जाकर मीटिंग की थी.

आज भी ललित दावा करते हैं को रुपर्ट का पुत्र जेम्स उनका दोस्त है. डब्ल्यू दी कंजूमर प्रोडक्ट्स में मोदी परिवार ने सिर्फ ५० लाख रुपयों का निवेश किया था. मोदी परिवार ने अपना हिस्सा ६० करोड़ रुपये में डिस्नी को बेंच कर ५९.५ करोड़ रुपयों का लाभ कमाया. मोदी का ईएस्पीएन से जुड़ाव और शाहरुख़ खान जैसों से दोस्ती ने क्रिकेट और मनोरंजन के क्षेत्र में घुसपैठ का उनका इरादा बनाया. मोदी ने एक क्रिकेट लीग का प्रस्ताव जगमोहन डालमिया के समक्ष रखा. डालमिया ने मोदी को फटकार कर भगा दिया था. १९९९ में मोदी ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन में घुसपैठ की,उन दिनों हिमाचल प्रदेश में कोई क्रिकेट स्टेडियम नहीं हुआ करता था.मोदी ने एक स्टेडियम बनाकर वहाँ ग्रीष्मकालीन क्रिकेट की योजना पर काम शुरू किया,लेकिन जन प्रेमकुमार धूमिल हिमाचल के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोदी को भगाकर अपने बेटे को हिमाचल क्रिकेट असोसिएशन का प्रमुख बना दिया. शरद पवार के बीसीसीआई के अध्यक्ष बनाने में बरोदा के किरण मोरे और राजस्थान के रुंगटा परिवार ने बड़ी बाधाएं खड़ी की थीं. ललित मोदी शरद पवार के कैंप में घुस गए. शरद पवार ने उन पर राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन पर कब्जे की जिम्मेदारी सौंपी. रुंगटा परिवार पिछले ४० वर्षों से राजस्थान क्रिकेट पर कब्जा जमाये बैठा था, ३२ जिला क्रिकेट संघों में कुल ५७ सदस्य हुआ करते थे और सभी रुंगटा परिवार के रिश्तेदार थे. ललित की दादी और राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया की मान राजमाता विजयाराजे माता आनंद मई की अनुयायी थीं इनकी दोस्ती के चलते वसुंधरा और ललित में भी यारी होगई जो संयोग से ललित से उम्र में १० साल बड़ी हैं. वसुंधरा के कार्यकाल में ललित 'सुपर चीफ मिनिस्टर'कहे जाते थे. ललित ने वसुंधरा को विश्वास में लेकर रुंगटा परिवार से राजस्थान क्रिकेट संघ छीनने के लिए सभी ५७ सदस्यों के मताधिकार को समाप्त कर संघ पर कब्जा जमा लिया. इसके चलते शरद पवार ने ललित को बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बना दिया. शरद पवार ने ललित मोदी को बीसीसीआई के वाणिज्यिक फैसलों का अधिकार क्या सौंपा ललित ने २००५ से २००८ के बीच बीसीसीआई की कमाई में ७ गुना वृद्धि करने में सफलता दिला दी. यहीं ललित को आईपीएल का कमिश्नर बनाने का कारण बना.

आईपीएल का कमिश्नर बनते ही ललित मोदी ने माल पीटने का काम शुरू कर दिया. शशि तरूर ने अपनी चहेती सुनंदा पुष्कर को कोची की टीम में 'स्वीट इक्विटी' क्या दिला दी ललित मोदी ने ट्विट्टर पर उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया. शशि तरूर विदेश राज्य मंत्री के पद पर रह कर यदि अपनी महिला मित्र को लगभग ७० करोड़ रुपयों की मिठाई खिलाते हैं और अगर यह कांग्रेसियों की अनैतिकता की परिधि में बैठता है तो उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन आईपीएल टीमों की नीलामी में अपने प्रभाव के इस्तेमाल का कोई यह पहला मामला तो नहीं है. ललित मोदी ने तो पूरे आईपीएल की नीलामी को अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का उद्यम बना रखा था. आईपीएल की पहली नीलामी में सबसे सस्ती टीम बेची गयी थी राजस्थान रोयल्स. पहले सीजन की चैम्पियन राजस्थान रोयल्स पूरी तरह से ललित मोदी के परिवार की टीम है. राजस्थान रोयल्स के ४ हिस्सेदार हैं. मोदी के रिश्तेदार सुरेश चेलाराम और नाइजीरिया में बसे उनके परिवार के पास इस टीम के ४४.१५%शेयर हैं. परिवार के एक अन्य करीबी मनोज बदले के पास ३२.४%,मीडिया महंथ रुपर्ट मुर्डोक के बेटे लचलान के पास ११.७४% और शेष शेयर बोलीवुड बाला शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के पास हैं. हर शेयर धारक ने अपनी होल्डिंग जटिल बनायी है. शेयर धारक कंपनियों का पंजीयन टैक्स के स्वर्ग देशों में हुआ है. राजस्थान रोयल्स का मालिकाना अधिकार जयपुर आईपीएल क्रिकेट लिमिटेड के पास है जिसकी होल्डिंग ईएम स्पोर्टिंग होल्डिंग्स लिमिटेड के पास है जो मॉरिशस में पंजीकृत है. चेलाराम के परिजनों के नाम तमाम टैक्स स्वर्गों में कम्पनियां पंजीकृत हैं.मोदी के एक अन्य रिश्तेदार मोहित बर्मन के पास किंग्स इलेवन पंजाब का मालिकाना अधिकार है. बर्मन परिवार डाबर इंडिया का मालिक है. मोदी की कृपा से आईपीएल के ग्लोबल डिजिटल अधिकार लाइव करंट मीडिया नामक कंपनी को दी गयी है. इस कंपनी का पंजीयन भी मारीशस में किया गया है और एलिफैंट कैपिटल के पास इसके ५०%शेयर हैं.

एलिफैंट कैपिटल के मालिक मोहित बर्मन के भाई गौरव बर्मन हैं जो कि रिश्ते में मोदी के दामाद लगते हैं. मोदी और शरद पवार को नजदीक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका आईसीसी के प्रमुख सलाहकार आई.एस.बिंद्रा ने निभाई है.बिंद्रा से जगमोहन डालमिया का लगातार झगड़ा था. मोदी ने इस उपकार के बदले में बिंद्रा के बेटे अमर बिंद्रा को किंग्स इलेवन पंजाब का महा प्रबंधक बनवा दिया. मोदी के रिश्तेदारों के पास आईपीएल में दो टीमें हैं राजस्थान रोयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब,इन्हीं दोनों टीमों में बोलीवुड की पटाखा प्रीती जिंटा और शिल्पा शेट्टी हैं. किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रोयल्स की टीमों पर हीसबसे ज्यादा सत्ता लगाए जाने की खबरें भी हैं. राजस्थान रोयल्स के हिस्सेदार और शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा क्रिकेट के सटोरियों के नियंता रह चुके 'डी' कंपनी के माफिया शरद शेट्टी के साझीदारों के बड़े नजदीकी हैं. पिछले ३ वर्षों में मोदी ने खूब जमकर धन बटोरा है,इसका प्रमाण है उनका आयकर रिटर्न .वित्त वर्ष २००८-०९ में मोदी ने केवल ३२ लाख रुपयों का आयकर भरा था.३१ मार्च २०१० को ख़त्म होनेवाले वित्तवर्ष के लिए मोदी ने ११ करोड़ रुपयों का अग्रिम आयकर का भुगतान किया है. वे जिस गाडफ्रे-फिलिप्स के निदेशक हैं उससे उनकी कोई कमाई नहीं बढ़ी है. मोदी ने माल आईपीएल से ही पीटा है. वैसे मोदी हमेशा से ही अमीर दिखने में विश्वास रखते थे,१९८० के दशक में जब उनकी मान बीना और पिता कृष्ण कुमार मोदी ने उन्हें अपनी पढाई किसी तरह से पूरी करने के लिए अमेरिक भेजा तो ललित ने अपने लिए अपने माँ-बाप से एक कार की मींग की,बाप ने ललित को ५०००अमेरिकी डालर दिए और कोई कामचलाऊ कार खरीदने की सलाह दी,ललित ने इस रकम से पहली किश्त भरकर मर्सिडीज बेन्ज़ खरीद ली.ललित आज भी यही जुआ खेल रहे हैं.उनके नसीब है कि शरद पवार और भाजपा के कई नेता क्रिकेट की उनकी मुनाफाखोरी को आँख मूंदकर समर्थन दे रहे हैं.

२६/११ का फैसला

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए हमले के आरोपी पाकिस्तानी कसाब और 2 कथित भारतीय साजिशकर्ताओं की किस्मत का फैसला सोमवार को अदालत ने कर दिया

पाकिस्तान के फरीदकोट के नागरिक कसाब और मारे गए उसके 9 सहयोगी आतंकवादियों पर लश्कर-ए-तैबा के इशारे पर 166 लोगों की हत्या और 304 को घायल करने का आरोप है। मारे गए लोगों में 25 विदेशी भी शामिल थे कसाब के अलावा 2 भारतीयों, फहीम अंसारी और सबाउदीन अहमद पर हमले की साजिश रचने के आरोप हैं। दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने हमले का निशाना बने स्थानों का नक्शा तैयार कर उन्हें लश्कर को सौंपा था

पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैब के ट्रेंड 10 आतंकवादी एक अभियान को अंजाम देने के लिए 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुसे और करीब 60 घंटे तक कहर बरपाते रहे

देश के इतिहास में सबसे तेजी से सुने जाने वाले मामले की सुनवाई 8 मई 2009 को शुरू हुई थी इसके लिए आर्थर रोड जेल में एक विशेष अदालत बनाई गई, जिसमें 658 गवाहों के बयान दर्ज हुए लगभग 271 कामकाजी दिनों में हुई सुनवाई के बाद 3,192 पृष्ठ के सबूत दर्ज हुए

एजाज़ नकवी ने कहा की देश का सबसे बड़ा २६/११ आतंकी हमला था आरोपी no १ यानि कसाव के ऊपर बहुत संगीन जुर्म की धाराए लगी हुयी हैं उसको भारतीय कानून के मुताबिक सजा मिलेगी वह माननीय अदालत का काम है आरोपी no २ और ३ फहीम और सबाउद्दीन बे कसूर है उनको बे वजह फसाया गया है जब की रेकी करने और आतंकी हमला करने की साजिश रचने की बात हेडली ने कबूल कर लिया है जिसके ऊपर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है--