रविवार, 20 जून 2010

किताबो के पन्ने पलट के सोचता हूँ

किताबो के पन्ने पलट के सोचता हूँ


यू पलट जाय मेरी जिंदगी तो क्या बात है

ख्याबों में जो रोज मिलते है

जो हकीकत में आये तो क्या बात है

कुछ मतलब के लिए ढूढ़ते है सब मुझको

बिन मतलब जो आये तो क्या बात है

कत्ल करके तो सब ले जायेंगे दिल मेरा

कोई बातो से ले जाये तो क्या बात है

जो शरीफों की शराफत में बात न हो

एक शराबी कह जाये तो क्या बात है

अपने रहने तक तो ख़ुशी दूंगा सबको

जो किसी को मेरी मौत पे ख़ुशी मिल जाये तो क्या बात है ..





नमस्कार,प्यारे दोस्तों-मैं कच्चे-पक्के रास्तों,से जुड़े मकानों वाले एक छोटे से जिले आजमगढ़ ,के सगड़ी तहसील ग्राम चंगईपुर उत्तर प्रदेश का रहने वाला हू
मैं जब बोलने में तुतलाया करता था और लिखने के नाम से घबराया करता था तब भी सोचता बहुत था,और आज भी ये हरकत नहीं जाती
{उफ्फ,अभी भी छोटा ही हूँ,बड़ी सोच हुई है}

बहुत सोचा लिखा भी बहुत जब मेरे यार दोस्त खेलने जाते थे तो मैं कागज़ पेन लेकर छत पे चढ़ लोगो की ज़िन्दगी और समाज के वसूले को समझा करता था. 12 सालों से दोस्ती है मेरी मेरे ख्यालों से और इस दोस्ती को जोड़कर रखते हैं मै उसी समय से सोचता था की मैं भी पत्रकार बन जाऊँगा,मैंने ज़िन्दगी जी है जितनी भी जी है बड़े शौक और इत्मिनानसे जी है लोग-बाग़ रोज़मर्रा को कहानी की तरह कुछ यूँ ही कुछ बोलचाल की भाषा में डायरी में लिखते हैं मैं भी यही करता हूं पर मैं कभी उन्हें कहानी नही समझता,उसे तो मै असलियत कहता हू समाज की , लिखता हू और आवाज़ बनने की कोशिश करता हू शोषित और पीडित लोगो की,इस कार्य में कितनी सफलता मिलेगी मुझे ये तो आने वाला वक़्त ही बतलायेगा,फिलहाल आइये हम सब मिलकर ऐसे लोगो की सहायता करे जिन्हें उनके अधिकारों से वंचित कर दिया जाते है..







काले बादल से धुल जाये ,वह मेरा इतिहास नहीं..

मेरी बुल बुल चहका करती उस बगिया में

जहाँ सिर्फ पतझड़ आता मधुमास नहीं..





हम बुरे हैं अगर तो बुरे ही भले अच्छा बनने का कोई इरादा नही गर लिखा है तो फिर साथ निभ जाएगा वरना इसको निभाने का वादा नही...... क्या सही क्या ग़लत सोच का फेर है एक नज़रिया है ये जो बदलता भी है एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह फ़र्क इनमें भी कुछ ज्यादा नहीं.. कुछ भी समझे समझता रहे ये जहाँ हम भी खुद को बदलने नही जा रहे हम बुरे हैं भले हैं जैसे भी हैं हमने ओढ़ा है कोई लबादा नहीं.....



चेहरे बदलने का हुनर मुझमे नहीं ,

दर्द दिल में हो तो हसँने का हुनर मुझमें नहीं,

मैं तो आईना हुँ तुझसे तुझ जैसी ही मैं बात करू,

टूट कर सँवरने का हुनर मुझमे नहीं ।

चलते चलते थम जाने का हुनर मुझमे नहीं,

एक बार मिल के छोड जाने का हुनर मुझमे नहीं ,

मैं तो दरिया हुँ , बहता ही रहा ,

तूफान से डर जाने का हुनर मुझमे नही



ज़िन्दगी मौत न बन जाए संभालो यारो,

मुश्किलों में है वतन खो रहा चैनो -अमन..

जी हाँ सही पढ़ी आपने ये पंक्तिया..आज रोजाना कहीं न कहीं बम के धमाके,तो कहीं किसी की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते अपने ही लोग हर जगह नज़र आ जायगे..कहीं मज़हब तो कहीं तू बड़ा की मै बड़ा की भावना लोगो को आपस में लड़ा रही है..आतंकवाद दहसत गर्दी रोजाना नए लिबास पहन कर हमारे सामने आ जाती है..कभी कोई मुस्लिम पकडा जाता है तो कभी कोई हिन्दू,आखिर ऐसा कब तक चलेगा..क्यु भारत माता के अपने ही सपूत देश की शांति,एकता और अखंडता को तोड़ना चाहते है,क्या इसीलिए आजाद ,भगत और अशफाक ने भारत को आजाद करवाया था,क्या यही सियासत का असली चेहरा है जो हम नादाँ भारतवासियो को आपस में लड़वाना चाहती है..

इस नाजुक मौके पर हम युवाओ का कर्तव्य ही नही अपितु धर्म बनता है की ऐसे लोगो की पहचान कर के अपने ह्रदय को सच को पहचाने के काबिल बनाना होगा..ताकि किसी के प्रति हम बैर की भावना को पनपने न दे..

जय हिंद..



कुछ दूर हमारे साथ चलो..

हम अपनी कहानी कह देंगे..

समझे न जिसे तुम आँखों से,

वो बात ज़ुबानी कह देंगे..

विजय कुमार लालचन्द यादव

गुरुवार, 3 जून 2010

मनसे ने की एन एम् कालेज में तोड़ फोड़

मनसे की गुंडा गर्दी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है आज उसके एक कार्यकर्त्ता ने कुछ अपने समर्थको के साथ एन एम् कालेज में तोड़ फोड़ की मौके पर पुलिस आ धमकी और काबू पा लिया पुलिस के आते ही मनसे के लोग भाग गए ..........पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है

 एन एम् कालेज के प्रबंधन ने सभी छात्रों की मीटिंग लेकर कहा था की परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम ७० प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है कुछ छात्रों की उपस्थिति इससे कम थी एस लिए प्रबंधन ने उन्हें परीक्षा देने के लिए आना कानी किया और छात्रों के अभिभावकों के साथ भी मीटिंग की लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला इसके बाद आज एक अपने को मनसे का कार्यकर्त्ता बताकर प्रिंसपल के पास आया और इसी मुद्दे पर बात की पर उसकी बात को भी प्रिंसपल ने अनसुनी कर दी जिससे वह कुछ लोगो के साथ मिल कर एक कम्पूटर और गिलास तोड़ दिया






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मनपा ने किया मानसून से निपटने की तैयारी

मुंबई में बरसात होने में कुछ ही दिन रह गये हैं. बरसात से निपटने के लिए महानगर पालिका ने कई योजनाएं तैयार कर ली हैं जिसकी जानकारी मनपा कमिशनर स्वाधीन क्षत्रिय ने दी......... हर साल की तरह इस साल भी मनपा मानसून आने के पहले अपनी पूरी तैयारी कर ली है उसी तर्ज पर आज मनपा ने अपनी पूरी तैयारी कर ली मानसून का आगमन होने वाला है मानसून आने के पहले सभी नाले गटर के साथ साथ पहाड़ियों पर बसे लोगों को भी एहतियात बरतने को कहा है हर स्थिति से निपटने के लिए मनपा पूरी तरह सुसज्ज हो गयी है और अगर किसी प्रकार का भी आंधी तूफान आये उससे निपटने के लिए मनपा अपनी तरफ से पूरी तरह से सक्षम होगी

 तपते गर्मी से निजात पाने के लिए मुम्बई वासी मानसून का इन्तजार कर रहे हैं ....... गर्मी कि तपिश से मानसून अगर सही वक़्त पर आ जाये तो मुंबई के लोगों को गर्मी से निजात मिल सकती है ......मुंबई के लिए मानसून अपने साथ कई परेशानिया भी लाता है ........जिससे निबटने के लिए मनपा से लेकर एमएमआरडीए, म्हाडा, रेल्वे, बीपीटी व अन्य एजेंसिया बडे पैमानी पर तैयारियां करती हैं फिर भी , मानसून की मार शहर कि ब्यवश्था को चरमरा देती है ...........मुंबई की लाईफ लाईन कही जाने वाली लोकल ट्रेन के साथ बेस्ट की बसों का चलना भी कभी कभी मानसून ठप्प कर देता है..........., इसके अलावां कभी भी अचानक बिजली गुल होकर और परेशानी खडी कर देती है....... और अपने साथ कई बरसाती बीमारियाँ और उनसे होने वाली मौतों के अलावा पहाडी खिसकने , पानी मे दुबने शार्ट सर्किट और सडक दुर्घटना से होने वली मौतों कि संख्या भी बढ जाती है ........ यूं तो ये सब , नैसर्गीक है इन सबसे निपटने के लिए मनपा पूरी तरह से सुसज्ज हो गयी है
ओवर मनपा ने सभी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस विभाग से लेकर आर्मी ,एयरफ़ोर्स, एस आर पी ऍफ़ . नेवी को किसी तरह की आपदा से निपटने के तैयार रहने की सूचना दे दी है इसी के साथ मानसून के दौरान मुंबई वासियों को हर आपदा की सूचना ऍफ़ एम् , मैसेज और एनाउसमेंट के द्वारा दी जाएगी पूरी मुंबई में खिसकने वाली कुल १२७ जगहों की पहचान कर ली गयी है हर वार्ड में एक जे सी बी मशीन ,२ डम्पर ट्रक और २०० वाटर पम्प उपलब्ध करा दिए गए हैं औए इसी के साथ हर वार्ड में एक हाट लाईन होगी जो २४ घंटे कार्यरत रहेगी

काग्रेसी नेता की हत्या करने वाला गिरफ्तार

 काग्रेसी नेता की हत्या करने वाला गिरफ्तार



मुंबई से सटे ठाणे के कांग्रेसी पार्षद प्रफुल्ल पाटिल पर जानलेवा हमला कर पिछले महीने ह्त्या कर दी गयी थी नवघर पुलिस ने मामला सुलझाते हुए एक हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है और दावा किया की जल्द से जल्द सभी हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा

 पार्षद प्रफुल्ल पाटिल अभिनव कॉलेज में किसी कार्यक्रम में भाग लेने आए थे जहां पर ये चारों हमलावर पहले से उनके आने का रास्ता देख रहे थे पार्षद के वहां पहुंचते ही हमलावरों ने उन पर गोलियों से हमला कर दिया और चापर से करीब २९ वार किया था हमले के बाद आरोपी बाइक पर सवार होकर फरार हो गए पार्षद प्रफुल्ल पाटिल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई थी पुलिस ने इन हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे तहकीकात कर रही थी जिसमे उसे सफलता मिली और एक हत्यारे अजय पांडे को भाईंदर से गिरफ्तार कर लिया

मुंबई में गैगवार

 मुंबई के चेम्बूर इलाके में छोटा राजन गैग के करीब रहने वाला फरीद तानसा को भरत नेपाली गैग के गुर्गे घर में घुस कर हत्या करके फरार हो गये इस घटना को सुनते ही पुरे इलाके सनसनी फ़ैल गयी फरीद तानसा को नजदीकी अस्पताल राजावाड़ीमें भर्ती कराया गया जहा डाक्टरों ने तानसा को मुत्यु घोषित कर दिया तानसा के उपर आठ राउण्ड गोलिया चलाई गयी थी दो गोली सीने पर और दो गोली पेट पर लगी दो सिर पर और एक पैर एक हाथ पर बताया जाता है.......... हमलावर ६ लोग आये थे जिसमे दो लोग घर में दो लोग हथियार ले कर गये और फायरिग करना शुरू कर दिया
अबू बकर बेग [ACP मुंबई पुलिस]

 राजकुमार वटकर [DCP मुंबई पुलिस]

फरीद तानसा छोटा राजन का खास गुर्गा था चेम्बूर इलाके में जितना भी ज़मीन सम्बंधित कार्य होते थे उसे यह संम्हालाता था सूत्रों की माने तो छोटा राजन ने अब छोटा शकील गँग से हाथ मिला लिया है अपनी ईमानदारी का सबूत देने के लिए भरत नेपाली के जरिये हत्या करवा दी पुलिस आगे की तहकीकात कर रही है मुंबई में अब तक पूरी तरह से गैंगवार बंद हो चूका था इस घटना से मुंबई पुलिस को ...............

बुधवार, 2 जून 2010

नाबालिक २ प्रेमी जोड़े घर से फरार

वडाला के दीनबंधू नगर में रहने वाले २ नाबालिक जोड़े घर से फरार हो गए हैं जिनकी शिकायत लड़कियों के अभिभावकों ने वडाला पुलिस स्टेशन में की है कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पुलिस उनका पता नहीं लगा पायी है जिसके वजह से दोनों लड़कियों के पिता वडाला पुलिस स्टेशन का चक्कर काट रहे हैं

वडाला के दिन बंधु नगर मैं रहने वाली दो सहेलियों में इतनी गहरी दोस्ती थी की दोनों अपना हर काम साथ साथ कराती थी पिछले महीने की १० तारीख को साईना करीब शाम को ५ बजे अपने घर से मेंहदी लेने के बहाने रूचि शर्मा के साथ निकली और अभी तक उनका कोई पता ठिकाना नहीं है जब ज्यादा समय हो गया और दोनों लड़कियाँ घर नहीं आई तो उनके माता पिता ने वडाला पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी

विलाश शिंदे [वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक वडाला पुलिस स्टेशन ]

पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद मालूम हुवा की उसी इलाके में रहने वाले २ लडके भी उसी दिन से गायब हैं तो पुलिस ने अपरण का मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू की तो मालूम हुवा की २ लड़कियाँ उनके साथ ही उत्तर प्रदेश चली गयी हैं उनके मोबाईल पर संपर्क किया तो एक मोबाईल बंद मिला और दूसरा चल रहा था उस आधार पर पुलिस उत्तर प्रदेश भी गयी पर उसे सफलता नहीं मिली

समसुद्दीन और हरिद्वार शर्मा जो साईना और रूचि के पिता हैं इनका कहना है की हम पुलिस स्टेशन का चक्कर कटकर थक गए हैं लेकिन हमारी बच्चियों का पता अभी तक नहीं चला है ...............



इन लड़कियों की उम्र मात्र १५ और १७ साल है अभी तक २० दिन हो गया लेकिन अभी तक इनका कोई पता नहीं चल सका है पुलिस तहकीकात कर रही है इन लड़कियों के पिता पुलिस स्टेशन का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं की मेरी बच्चियों का कोई पता चला की नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

१६ वर्षीय देवब्रत ने बनाया कैंसर पीड़ित बच्चों का स्कुल

१६ वर्षीय देवब्रत ने बनाया कैंसर पीड़ित बच्चों का स्कुल

दादर में संत घाडगे धर्मशाला नामक संस्था में कैंसर से पीड़ित बच्चे रह कर अपना इलाज करवाते हैं लेकिन इनके लिए धर्मशाला की तरफ से एक गैरेज में स्कुल चलता था जिसमे सभी सुविधायों का अभाव था ऐसे में १६ वर्षीय देवब्रत संस्था में अपने दोस्त के साथ आया और वहां की दशा देखकर वहां पर अपनी मेंहनत और लगन से एक अच्छे स्कुल का निर्माण कराया......................

कैंसर को लेकर हमारे देश में बड़ी बड़ी संस्थाएं चल रही हैं लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं पड़ी कैंसर से पीड़ित बच्चे जैसे तैसे अपनी जिंदगी इस धर्मशाला में ब्यतीत कर एक टूटे फूटे गैरेज में कुछ पढाई भी करते थे डी के नामक संस्था इस स्कुल को दिसंबर १९९९ से चला रही है .... हमारे देश मैं कई सारी ऐसी संस्था जो चाहे तो क्या नहीं कर सकती हैं..... पर इस पर लगता है की उनकी नजर अभी तक नहीं पड़ी ............ .... अगर हमारे देश में जीतनी भी संस्थाएं चल रहीं हैं अगर वो लोग इस पर अपना ध्यान देते तो क्या यह बच्चे इतने साल से गैरेज में पड़ते ..... क्या इन बच्चों पर किसी की नजर नहीं गयी .... यह फिर इन बच्चो को कैंसर पीड़ित मानते ही नहीं ....

वन्दना (संचालिका हमारी पाठशाला )

वंदना का कहना है की देवब्रत नामक १६ वर्षीय ११ वीं में पढ़ने वाला लड़का एक दिन हमारे यहाँ अपनी दोस्त पायल के साथ आया और यहाँ की हालात देख कर कहा की इसको ठीक तरह से बनाने में कितना खर्च आएगा तो हमने कहा की करीब २.५ लाख इस बात को सुनकर देवब्रत ने कहा की मैं कोशिश करता हु और बहुत कम समय में उसने काम कर दिया....................... देवब्रत का यह काम एक मिशाल है देवब्रत ने ऐसा काम कर दिखाया है की सरकार से लेकर जो लोग कैंसर के नाम पर हर साल करोड़ों का अनुदान लेते हैं उन्हें इससे सबक लेने की जरुरत है
देवब्रत ने कहा की मेरी माँ टाटा मेमोरियल अस्पताल में सोशल वर्क करती हैं उनकी मेहनत और लगन देख कर मैं बहुत प्रभावित हुवा और उनकी प्रेरणा से जब मुझे कोंलेज की तरफ से प्रोजेक्ट करने को मिला तो मैं यही प्रोजेक्ट सबसे बेहतर समझा और अपने दोस्तों से मिलकर मैंने यह काम किया इस काम में मुझे सभी लोगों ने सहयोग दिया हमारी पाठशाला बनने के बाद इसका उद्घाटन सांसद प्रिया दत्त ने किया ..................मैं आप के माध्यम से लोगों को से अपील करता हु की अपनी कमाई का कुछ हिस्सा इन कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए लगायें .............................

आईये मिलते हैं इन बच्चों से नयी पाठशाला पाकर बच्चे कितना खुश हैं .........................खेल रहे हैं ...........पढ़ रहे हैं............. और गा रहे हैं की .............हम होंगे कामयाब एक दिन ...................