कलियुगी चाचा
ने सभी मर्यादाएं लांघ कर अपने भतीजी के साथ जबरदस्ती कई सालों से शारीरिक
सम्बन्ध बनाता रहा इस हैवान से पीछा छुड़ाने के लिए भतीजी ने शादी भी कर ली
फिर भी चाचा ने पीछा नहीं छोड़ा तंग आकर भतीजी ने अपने पति के साथ मिलकर
हत्या कर दी पुलिस ने भतीजी के साथ उसके सभी साथियों को गिरफ्तार कर लिया
है
मुंबई से सटे ठाणे जिले के डोम्बिवली में महाराष्ट्र मंत्रालय में काम करने वाला कर्मचारी संतोष पवार डोंबिवली के महात्मा फुले इलाके मे रहता था ९ जुलाई की शाम संतोष पवार अपनी शादी शुदा भतीजी को पैसे देने के लिये घर से निकला लेकीन काफी देर तक घर वापस नही आया घर वालो द्वारा इसकी शिकायत विष्णू नगर पुलिस स्टेशन मे की गयी पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद ने तहकीकात शुरू कर दी दुसरे ही दिन संतोष की लाश परिसर के ही एक मैदान मे मिली लाश मिलाने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आगे की तप्तिश शुरू की पुलिस की तहकीकात में संतोष के भांजे अर्जुन ने पुलिस को बताया की शाम को मामा अपनी भतीजी प्राजक्ता और उसके पति के साथ दिखे थे अब पुलिस ने अपनी तहकीकात तेज कर दी काफी घंटो की तलाश के बाद पुलिस को प्राजक्ता और उसका पति प्रसाद आखिर मिल ही गए पुलिस ने जब अपने तरीके से पूछताछ की तो दोनों ने ह्त्या की बात कबूल कर ली ..........
गिरफ्तारी के बाद प्राजक्ता ने पुलिस को जो बयान दिया उसे सुनकर सभी के होश उड़ गए..... महाराष्ट के रत्नागिरी में रहनेवाली नाबालिक प्राजक्ता को उसके चाचा संतोष ने डोम्बिवली में अपने घर लाया और यहाँ प्राजक्ता की पढाई पूरी करने के नाम पर अपने घरवालो के साथ प्राजक्ता को भी रखा संतोष की नजर पहले से ही गलत थी पढाई पूरी करने के लिए लाया यह उसकी सोची समझी चाल थी मौका पाकर आखिर एक दिन संतोष ने प्राजक्ता के साथ जबरन शारीरिक संबंद बना लिया फिर क्या था उसका रोज का नियम बन गया जब भी उसे मौका मिलता वह संबंथ बनाता लगातार चाचा के द्वारा किये जा रहे अत्याचार से परेशान प्राजक्ता ने अपने प्रेमी प्रसाद के साथ शादी कर ली लेकिन भतीजी के शादी होने के बावजूद चाचा भतीजी प्राजक्ता से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग करता चाचा से तंग आकार आखिर प्राजक्ता ने अपने पति को चाचा की काली करतूत को बता दिया इस हैवान से छुटकारा पाने के लिए दोनों ने फैसला किया की इसे इस दुनियां से उठा दिया जाय प्राजक्ता ने अपने चाचा को साजिश के तहत किसी बहाने एक जगह बुलाया और पति और उसके साथियों के साथ मिलकर चाचा की हत्या कर दी
मुंबई से सटे ठाणे जिले के डोम्बिवली में महाराष्ट्र मंत्रालय में काम करने वाला कर्मचारी संतोष पवार डोंबिवली के महात्मा फुले इलाके मे रहता था ९ जुलाई की शाम संतोष पवार अपनी शादी शुदा भतीजी को पैसे देने के लिये घर से निकला लेकीन काफी देर तक घर वापस नही आया घर वालो द्वारा इसकी शिकायत विष्णू नगर पुलिस स्टेशन मे की गयी पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बाद ने तहकीकात शुरू कर दी दुसरे ही दिन संतोष की लाश परिसर के ही एक मैदान मे मिली लाश मिलाने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर आगे की तप्तिश शुरू की पुलिस की तहकीकात में संतोष के भांजे अर्जुन ने पुलिस को बताया की शाम को मामा अपनी भतीजी प्राजक्ता और उसके पति के साथ दिखे थे अब पुलिस ने अपनी तहकीकात तेज कर दी काफी घंटो की तलाश के बाद पुलिस को प्राजक्ता और उसका पति प्रसाद आखिर मिल ही गए पुलिस ने जब अपने तरीके से पूछताछ की तो दोनों ने ह्त्या की बात कबूल कर ली ..........
गिरफ्तारी के बाद प्राजक्ता ने पुलिस को जो बयान दिया उसे सुनकर सभी के होश उड़ गए..... महाराष्ट के रत्नागिरी में रहनेवाली नाबालिक प्राजक्ता को उसके चाचा संतोष ने डोम्बिवली में अपने घर लाया और यहाँ प्राजक्ता की पढाई पूरी करने के नाम पर अपने घरवालो के साथ प्राजक्ता को भी रखा संतोष की नजर पहले से ही गलत थी पढाई पूरी करने के लिए लाया यह उसकी सोची समझी चाल थी मौका पाकर आखिर एक दिन संतोष ने प्राजक्ता के साथ जबरन शारीरिक संबंद बना लिया फिर क्या था उसका रोज का नियम बन गया जब भी उसे मौका मिलता वह संबंथ बनाता लगातार चाचा के द्वारा किये जा रहे अत्याचार से परेशान प्राजक्ता ने अपने प्रेमी प्रसाद के साथ शादी कर ली लेकिन भतीजी के शादी होने के बावजूद चाचा भतीजी प्राजक्ता से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की मांग करता चाचा से तंग आकार आखिर प्राजक्ता ने अपने पति को चाचा की काली करतूत को बता दिया इस हैवान से छुटकारा पाने के लिए दोनों ने फैसला किया की इसे इस दुनियां से उठा दिया जाय प्राजक्ता ने अपने चाचा को साजिश के तहत किसी बहाने एक जगह बुलाया और पति और उसके साथियों के साथ मिलकर चाचा की हत्या कर दी
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