शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

वसूली का नया फंडा


 कर्ज न लौटाने वाले लोगों से वसूली करने का बैंकों ने नया रास्ता खोजा है !         वैसे बैंक से लोंन लेकर भुगतान ना करना !
या फिर credit card का इस्तेमाल कर किश्त भरने में आनाकानी दिखाने वालो से बैंक किस तरह निपटती है , आपको अंदाजा होगा ही !
लेकिन फिल्मो में दिखाए जानेवाले वसूली के फंडे अब ठंडे पड़ते जा रहे है......आखिर क्या है वसूली के नए फंडे का फंडा, आईये जानते है इस ख़ास रिपोर्ट में !
     अगर आप ने बैंक से लोन लिया है !  अगर आप ने बैंक का क्रेडीट कार्ड इस्तेमाल किया है !     अगर आप किश्त चुकाना नहीं चाहते या किसी कारण चूका नहीं पा रहे !     और अगर आपको लगता है की आप बैंक की नजरो से बच जायेंगे !     तो शायद आपकी ये सोच गलत साबित हो सकती है ! क्यूंकि अब बैंक और रीकवरी एजेंसियां   भगौड़े ग्राहकों से निपटने के लिए नए फंडे का इस्तेमाल  कर रही है ! फंडा फेसबुक का , फंडा ट्विटर का और फंडा ऑरकुट का ! अब आप भी इस बात से हैरान होंगे , की आखिर इन सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट का किसी बैंक और रीकवरी एजेंसियों से क्या तालुक ? और आखिर इनकी मदद से किसी  भगौड़े ग्राहक को कैसे पकड़ा जा सकता है ! दरअसल यही  तो है "फंडा" वसूली का  , या कहे अजब वसूली का गजब फंडा !और इस फंडे ने ठंडे कर दिए है उनके  जोश को जो कभी बैंक की वसूली के लिए लोगो के घर की घंटी बार बार बजाया करते थे, और जायज़ और नाजायज़ तरीके अपनाकर  वसूली किया करते थे ! 

एक समय ऐसा भी था जब वसूली के लिए इस तरह के तरीको का इस्तेमाल किया जाता था ! लेकिन डराना धमकाना बीते जमाने की बीती बात बन चुकी है ! आर बी आई की तरफ से देश के सभी बैंको को भी वसूली के इस तरीके को अलविदा कहने के दिशा निर्देश दिए जा चुके है ! लेकिन समय के साथ बदलाव भी जरुरी है ! बैंक की वसूली करने वाली रीकवरी एजेंसियां सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट पर  भगौड़े ग्राहकों को बैंक द्वारा दी गयी जानकारी की मदद से तलाशते है ! तलाशने के लिए बैंक की तरफ से नियुक्त की गयी रिकवरी एजेंसियों  के पास लड़के और लडकियां कार्यरत होती है , और ये लगातार बैंक द्वारा दी गयी details की बदौलत अपना ये काम दिन भर करते रहते है ! यदि कोई मिल जाए तो ये उनसे दोस्ती कर उनके घर का पता जान लेते है और पते का पता चलते ही उनसे रीकवरी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है !  लेकिन जानकार वसूली के इस फंडे को गलत ठहरा रहे है !

  आर बी आई की तरफ से भले की वसूली के बाकी फंडो को लाल झंडी दिखाई जा चुकी हो , लेकिन बैंक की वसूली करनेवाली रीकवरी एजेंसियां   अपनी वसूली की गाडी को  अलग अलग तरीको का इस्तेमाल कर हरी झंडी दे रही है , अब चाहे उस हरी झंडी को दिखाने का अंदाज़ काला ही क्यूँ न हो ! 

 

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