सोमवार, 24 मई 2010

मोबाईल से हो सकती हैं घातक बीमारियाँ

बातचीत का हमारा सबसे सरल तरीका.....पल भर में संदेशो का आदान प्रदान.....हमारे लिए जहा सरल साधन बनकर दुनिया के बाजारों में अपनी पहचान बना चूका है....वही अब आने वाले दिनों में ज़िन्दगी का दुश्मन भी बन सकता है.....जी हाँ हमारा मोबाइल अब हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन बन चूका है.......आने वाले दिनों में मोबाइल अनगिनत लोगो के जान का दुश्मन बन सकता है.....




हर हाथ में मोबाइल.....घर घर में मोबाइल..........हर तरफ मोबाइल.....जिधर देखो उधर मोबाइल.....वक़्त के साथ साथ तकनीकी सुविधाओं से लेस हो चुकी है हर उम्र...की पहचान बन गया है हमारे जिंगदी कि सबसे बड़ी ज़रूरत.....मगर अब यही ज़रूरत धीरे धीरे अपना रंग बदलती जा रही है....जी हा मोबाइल फोन्स अब हमारे लिए खतरे कि सबसे बड़ी घंटी बनता जा रहा है....दुनिया के विशेषज्ञों के मोबाइल पर किये गए सर्वे ने मोबाइल धारको को सकते में डाल दिया है....मोबाइल के लगातार इस्तेमाल करने पर ब्लड प्रेशर के साथ साथ ब्रेन केंसर आप कि ज़िन्दगी में दस्तक दे सकता है....

डॉ सुनीता एन दुबे (रेडिओ लोजिस्ट) --

विशेषज्ञों कि माने तो मोबाइल से निकलने वाली तरंग्स धीरे धीरे ब्लड में आब्ज़र्व होती है...फिर गले और मस्तक पे अपना प्रभाव दिखाने लगती है....जिससे हमारे बॉडी में रेडियेशन का खतरा बढ़ जाता है....अपना प्रभाव सबसे पहले गले कि प्रोब्लम और सर पर हावी हो जाता है... क्यु की १० साल तक लगातार रोज़ ४ घंटे इस्तेमाल करने से ब्रेन केंसर को रोका नहीं जा सकता...फोन ज्यादा इस्तेमाल करने वालो पर अब खतरे कि घंटी ने दस्तक भी देनी कर दी

है

बड़े शहरो के अलावा अब मोबइल फोन हर गली चौराहों पर हर हाथ में देखा जा रहा है.....आज का युआ वर्ग मोबाइल सेवन में सबसे आगे है...और इसकी गिरफ्त में भी आज के युआ ही आ रहे है....ज़रूरत है कि मोबाइल के सेवन से बचने का उपाय निकाला जाय....वर्ना इस उम्र में इनकी संख्या के इजाफे से परहेज़ भी नहीं किया जा सकता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें