देश को आईपीएल की खूंटी पर टांग देनेवाले ललित मोदी आखिर हैं कौन? हब्सियों की तरह अनवरत अंग्रेजी बोलने में सिद्धहस्त ललित मोदी के जीवन की कहानी कम दिलचस्प नहीं है. क्रिकेट को पूंजी का खेल बना देनेवाले ललित मोदी बड़े शिकार करने में विश्वास करते हैं भले ही इसके लिए कोई कीमत चुकानी पड़ जाए. अपने मां की सहेली से शादी रचाने वाले ललित मोदी ने शशि थरूर से एक छोटी सी खुन्नस पर ऐसा खेल किया कि शशि थरूर को अपने मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ गया.
ललित मोदी एक अमीर बाप कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं. कृष्ण कुमार ४००० करोड़ रुपयों की कीमत वाली मोदी समूह के अध्यक्ष हैं.ललित मोदी के दादा राज बहादुर गुजरमल मोदी ने मोदीनगर की स्थापना की थी. बचपन से ही ललित अमीर बाप की बिगड़ी औलाद की तरह हरकतें करते थे,मसलन वे स्कूल से अक्सर भाग आते थे,बिना ड्राइविंग लाइसेंस के दिल्ली की सडकों पर फर्राटेदार गाड़ियां चलाते पाए जाते थे. बाप ने किसी तरह पढ़ाई पूरी करने के लिए विदेश भेजा तो कोकीन के आदी बन गए और ड्यूक युनिवर्सिटी में पढ़ते समय ४०० ग्राम कोकीन के साथ पकडे गए. उन पर उस मामले में अपहरण और मारपीट का भी आरोप लगा.बाप के धनबल ने उन्हें उस मामले में किसी तरह बचाया. वे पढाई कर रहे थे उन्हीं दिनों अपनी माँ की एक सहेली मिनल को दिल दे बैठे जो उनसे उम्र में ९ साल बड़ी थी. मिनल ने अपने पति से तलाक ले लिया. मोदी के परिजन विरोध करते रहे फिर भी उन्होंने मिनल से शादी कर ली. जवानी के दिनों में ललित का कभी क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं रहा. मुंबई में पिता के कपडे के कारोबार में कुछ दिनों तक काम करने के बाद वाल्ट डिस्नी के साथ एक संयुक्त उपक्रम में ललित ने ईएस्पीएन के वितरण का काम शुरू किया. कालान्तर में रुपर्ट मुर्डोक के स्टार ने ईएस्पीएन के साथ समझौता कर लिया और मोदी के वितरण के अधिकार ख़त्म हो गए. उन दिनों डिस्नी और मुर्डोक के बीच रंजिश हुआ करती थी,तब ईएस्पीएन के अधिग्रहण के लिए मुर्डोक से मोदी पिता-पुत्र ने फ़ॉक्स स्टूडियो में जाकर मीटिंग की थी.
आज भी ललित दावा करते हैं को रुपर्ट का पुत्र जेम्स उनका दोस्त है. डब्ल्यू दी कंजूमर प्रोडक्ट्स में मोदी परिवार ने सिर्फ ५० लाख रुपयों का निवेश किया था. मोदी परिवार ने अपना हिस्सा ६० करोड़ रुपये में डिस्नी को बेंच कर ५९.५ करोड़ रुपयों का लाभ कमाया. मोदी का ईएस्पीएन से जुड़ाव और शाहरुख़ खान जैसों से दोस्ती ने क्रिकेट और मनोरंजन के क्षेत्र में घुसपैठ का उनका इरादा बनाया. मोदी ने एक क्रिकेट लीग का प्रस्ताव जगमोहन डालमिया के समक्ष रखा. डालमिया ने मोदी को फटकार कर भगा दिया था. १९९९ में मोदी ने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन में घुसपैठ की,उन दिनों हिमाचल प्रदेश में कोई क्रिकेट स्टेडियम नहीं हुआ करता था.मोदी ने एक स्टेडियम बनाकर वहाँ ग्रीष्मकालीन क्रिकेट की योजना पर काम शुरू किया,लेकिन जन प्रेमकुमार धूमिल हिमाचल के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने मोदी को भगाकर अपने बेटे को हिमाचल क्रिकेट असोसिएशन का प्रमुख बना दिया. शरद पवार के बीसीसीआई के अध्यक्ष बनाने में बरोदा के किरण मोरे और राजस्थान के रुंगटा परिवार ने बड़ी बाधाएं खड़ी की थीं. ललित मोदी शरद पवार के कैंप में घुस गए. शरद पवार ने उन पर राजस्थान क्रिकेट असोसिएशन पर कब्जे की जिम्मेदारी सौंपी. रुंगटा परिवार पिछले ४० वर्षों से राजस्थान क्रिकेट पर कब्जा जमाये बैठा था, ३२ जिला क्रिकेट संघों में कुल ५७ सदस्य हुआ करते थे और सभी रुंगटा परिवार के रिश्तेदार थे. ललित की दादी और राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया की मान राजमाता विजयाराजे माता आनंद मई की अनुयायी थीं इनकी दोस्ती के चलते वसुंधरा और ललित में भी यारी होगई जो संयोग से ललित से उम्र में १० साल बड़ी हैं. वसुंधरा के कार्यकाल में ललित 'सुपर चीफ मिनिस्टर'कहे जाते थे. ललित ने वसुंधरा को विश्वास में लेकर रुंगटा परिवार से राजस्थान क्रिकेट संघ छीनने के लिए सभी ५७ सदस्यों के मताधिकार को समाप्त कर संघ पर कब्जा जमा लिया. इसके चलते शरद पवार ने ललित को बीसीसीआई का उपाध्यक्ष बना दिया. शरद पवार ने ललित मोदी को बीसीसीआई के वाणिज्यिक फैसलों का अधिकार क्या सौंपा ललित ने २००५ से २००८ के बीच बीसीसीआई की कमाई में ७ गुना वृद्धि करने में सफलता दिला दी. यहीं ललित को आईपीएल का कमिश्नर बनाने का कारण बना.
आईपीएल का कमिश्नर बनते ही ललित मोदी ने माल पीटने का काम शुरू कर दिया. शशि तरूर ने अपनी चहेती सुनंदा पुष्कर को कोची की टीम में 'स्वीट इक्विटी' क्या दिला दी ललित मोदी ने ट्विट्टर पर उनके खिलाफ अभियान छेड़ दिया. शशि तरूर विदेश राज्य मंत्री के पद पर रह कर यदि अपनी महिला मित्र को लगभग ७० करोड़ रुपयों की मिठाई खिलाते हैं और अगर यह कांग्रेसियों की अनैतिकता की परिधि में बैठता है तो उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन आईपीएल टीमों की नीलामी में अपने प्रभाव के इस्तेमाल का कोई यह पहला मामला तो नहीं है. ललित मोदी ने तो पूरे आईपीएल की नीलामी को अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने का उद्यम बना रखा था. आईपीएल की पहली नीलामी में सबसे सस्ती टीम बेची गयी थी राजस्थान रोयल्स. पहले सीजन की चैम्पियन राजस्थान रोयल्स पूरी तरह से ललित मोदी के परिवार की टीम है. राजस्थान रोयल्स के ४ हिस्सेदार हैं. मोदी के रिश्तेदार सुरेश चेलाराम और नाइजीरिया में बसे उनके परिवार के पास इस टीम के ४४.१५%शेयर हैं. परिवार के एक अन्य करीबी मनोज बदले के पास ३२.४%,मीडिया महंथ रुपर्ट मुर्डोक के बेटे लचलान के पास ११.७४% और शेष शेयर बोलीवुड बाला शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा के पास हैं. हर शेयर धारक ने अपनी होल्डिंग जटिल बनायी है. शेयर धारक कंपनियों का पंजीयन टैक्स के स्वर्ग देशों में हुआ है. राजस्थान रोयल्स का मालिकाना अधिकार जयपुर आईपीएल क्रिकेट लिमिटेड के पास है जिसकी होल्डिंग ईएम स्पोर्टिंग होल्डिंग्स लिमिटेड के पास है जो मॉरिशस में पंजीकृत है. चेलाराम के परिजनों के नाम तमाम टैक्स स्वर्गों में कम्पनियां पंजीकृत हैं.मोदी के एक अन्य रिश्तेदार मोहित बर्मन के पास किंग्स इलेवन पंजाब का मालिकाना अधिकार है. बर्मन परिवार डाबर इंडिया का मालिक है. मोदी की कृपा से आईपीएल के ग्लोबल डिजिटल अधिकार लाइव करंट मीडिया नामक कंपनी को दी गयी है. इस कंपनी का पंजीयन भी मारीशस में किया गया है और एलिफैंट कैपिटल के पास इसके ५०%शेयर हैं.
एलिफैंट कैपिटल के मालिक मोहित बर्मन के भाई गौरव बर्मन हैं जो कि रिश्ते में मोदी के दामाद लगते हैं. मोदी और शरद पवार को नजदीक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका आईसीसी के प्रमुख सलाहकार आई.एस.बिंद्रा ने निभाई है.बिंद्रा से जगमोहन डालमिया का लगातार झगड़ा था. मोदी ने इस उपकार के बदले में बिंद्रा के बेटे अमर बिंद्रा को किंग्स इलेवन पंजाब का महा प्रबंधक बनवा दिया. मोदी के रिश्तेदारों के पास आईपीएल में दो टीमें हैं राजस्थान रोयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब,इन्हीं दोनों टीमों में बोलीवुड की पटाखा प्रीती जिंटा और शिल्पा शेट्टी हैं. किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रोयल्स की टीमों पर हीसबसे ज्यादा सत्ता लगाए जाने की खबरें भी हैं. राजस्थान रोयल्स के हिस्सेदार और शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा क्रिकेट के सटोरियों के नियंता रह चुके 'डी' कंपनी के माफिया शरद शेट्टी के साझीदारों के बड़े नजदीकी हैं. पिछले ३ वर्षों में मोदी ने खूब जमकर धन बटोरा है,इसका प्रमाण है उनका आयकर रिटर्न .वित्त वर्ष २००८-०९ में मोदी ने केवल ३२ लाख रुपयों का आयकर भरा था.३१ मार्च २०१० को ख़त्म होनेवाले वित्तवर्ष के लिए मोदी ने ११ करोड़ रुपयों का अग्रिम आयकर का भुगतान किया है. वे जिस गाडफ्रे-फिलिप्स के निदेशक हैं उससे उनकी कोई कमाई नहीं बढ़ी है. मोदी ने माल आईपीएल से ही पीटा है. वैसे मोदी हमेशा से ही अमीर दिखने में विश्वास रखते थे,१९८० के दशक में जब उनकी मान बीना और पिता कृष्ण कुमार मोदी ने उन्हें अपनी पढाई किसी तरह से पूरी करने के लिए अमेरिक भेजा तो ललित ने अपने लिए अपने माँ-बाप से एक कार की मींग की,बाप ने ललित को ५०००अमेरिकी डालर दिए और कोई कामचलाऊ कार खरीदने की सलाह दी,ललित ने इस रकम से पहली किश्त भरकर मर्सिडीज बेन्ज़ खरीद ली.ललित आज भी यही जुआ खेल रहे हैं.उनके नसीब है कि शरद पवार और भाजपा के कई नेता क्रिकेट की उनकी मुनाफाखोरी को आँख मूंदकर समर्थन दे रहे हैं.
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