रविवार, 9 मई 2010

२६/११ का फैसला

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए हमले के आरोपी पाकिस्तानी कसाब और 2 कथित भारतीय साजिशकर्ताओं की किस्मत का फैसला सोमवार को अदालत ने कर दिया

पाकिस्तान के फरीदकोट के नागरिक कसाब और मारे गए उसके 9 सहयोगी आतंकवादियों पर लश्कर-ए-तैबा के इशारे पर 166 लोगों की हत्या और 304 को घायल करने का आरोप है। मारे गए लोगों में 25 विदेशी भी शामिल थे कसाब के अलावा 2 भारतीयों, फहीम अंसारी और सबाउदीन अहमद पर हमले की साजिश रचने के आरोप हैं। दोनों पर आरोप हैं कि उन्होंने हमले का निशाना बने स्थानों का नक्शा तैयार कर उन्हें लश्कर को सौंपा था

पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैब के ट्रेंड 10 आतंकवादी एक अभियान को अंजाम देने के लिए 26 नवंबर 2008 को मुंबई में घुसे और करीब 60 घंटे तक कहर बरपाते रहे

देश के इतिहास में सबसे तेजी से सुने जाने वाले मामले की सुनवाई 8 मई 2009 को शुरू हुई थी इसके लिए आर्थर रोड जेल में एक विशेष अदालत बनाई गई, जिसमें 658 गवाहों के बयान दर्ज हुए लगभग 271 कामकाजी दिनों में हुई सुनवाई के बाद 3,192 पृष्ठ के सबूत दर्ज हुए

एजाज़ नकवी ने कहा की देश का सबसे बड़ा २६/११ आतंकी हमला था आरोपी no १ यानि कसाव के ऊपर बहुत संगीन जुर्म की धाराए लगी हुयी हैं उसको भारतीय कानून के मुताबिक सजा मिलेगी वह माननीय अदालत का काम है आरोपी no २ और ३ फहीम और सबाउद्दीन बे कसूर है उनको बे वजह फसाया गया है जब की रेकी करने और आतंकी हमला करने की साजिश रचने की बात हेडली ने कबूल कर लिया है जिसके ऊपर अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है--

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