१६ वर्षीय देवब्रत ने बनाया कैंसर पीड़ित बच्चों का स्कुल
दादर में संत घाडगे धर्मशाला नामक संस्था में कैंसर से पीड़ित बच्चे रह कर अपना इलाज करवाते हैं लेकिन इनके लिए धर्मशाला की तरफ से एक गैरेज में स्कुल चलता था जिसमे सभी सुविधायों का अभाव था ऐसे में १६ वर्षीय देवब्रत संस्था में अपने दोस्त के साथ आया और वहां की दशा देखकर वहां पर अपनी मेंहनत और लगन से एक अच्छे स्कुल का निर्माण कराया......................
कैंसर को लेकर हमारे देश में बड़ी बड़ी संस्थाएं चल रही हैं लेकिन इस पर किसी की नजर नहीं पड़ी कैंसर से पीड़ित बच्चे जैसे तैसे अपनी जिंदगी इस धर्मशाला में ब्यतीत कर एक टूटे फूटे गैरेज में कुछ पढाई भी करते थे डी के नामक संस्था इस स्कुल को दिसंबर १९९९ से चला रही है .... हमारे देश मैं कई सारी ऐसी संस्था जो चाहे तो क्या नहीं कर सकती हैं..... पर इस पर लगता है की उनकी नजर अभी तक नहीं पड़ी ............ .... अगर हमारे देश में जीतनी भी संस्थाएं चल रहीं हैं अगर वो लोग इस पर अपना ध्यान देते तो क्या यह बच्चे इतने साल से गैरेज में पड़ते ..... क्या इन बच्चों पर किसी की नजर नहीं गयी .... यह फिर इन बच्चो को कैंसर पीड़ित मानते ही नहीं ....
वन्दना (संचालिका हमारी पाठशाला )
वंदना का कहना है की देवब्रत नामक १६ वर्षीय ११ वीं में पढ़ने वाला लड़का एक दिन हमारे यहाँ अपनी दोस्त पायल के साथ आया और यहाँ की हालात देख कर कहा की इसको ठीक तरह से बनाने में कितना खर्च आएगा तो हमने कहा की करीब २.५ लाख इस बात को सुनकर देवब्रत ने कहा की मैं कोशिश करता हु और बहुत कम समय में उसने काम कर दिया....................... देवब्रत का यह काम एक मिशाल है देवब्रत ने ऐसा काम कर दिखाया है की सरकार से लेकर जो लोग कैंसर के नाम पर हर साल करोड़ों का अनुदान लेते हैं उन्हें इससे सबक लेने की जरुरत है
देवब्रत ने कहा की मेरी माँ टाटा मेमोरियल अस्पताल में सोशल वर्क करती हैं उनकी मेहनत और लगन देख कर मैं बहुत प्रभावित हुवा और उनकी प्रेरणा से जब मुझे कोंलेज की तरफ से प्रोजेक्ट करने को मिला तो मैं यही प्रोजेक्ट सबसे बेहतर समझा और अपने दोस्तों से मिलकर मैंने यह काम किया इस काम में मुझे सभी लोगों ने सहयोग दिया हमारी पाठशाला बनने के बाद इसका उद्घाटन सांसद प्रिया दत्त ने किया ..................मैं आप के माध्यम से लोगों को से अपील करता हु की अपनी कमाई का कुछ हिस्सा इन कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए लगायें .............................
आईये मिलते हैं इन बच्चों से नयी पाठशाला पाकर बच्चे कितना खुश हैं .........................खेल रहे हैं ...........पढ़ रहे हैं............. और गा रहे हैं की .............हम होंगे कामयाब एक दिन ...................
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