मुंबई के उपनगर मुलुंड इलाके में शंकर टेकडी परिसर से कल देर
रात को १२ वर्षीय लड़की संजना थोरात को चीता ने उठा लिया जिसके चलते
पुरे परिसर
में तनाव का माहौल बना हुआ है ये बस्ती संजय गाँधी उद्यान के जंगलो से
घिरा हुआ है देर रात को जब वहा के रहिवासियो को इस घटना का पता चला तो
सभी उस लड़की को ढूडने जंगल की तरफ निकल पड़े रात से ही स्थानिय पुलिस व वन
अधिकारी वहा के रहिवासियो के साथ उस इलाके में तेंदुए को ढूडने का काम
चालू था वही आज सुबह उस लड़की का सर और हाथ का एक टुकड़ा मिला पुलिस ने
उस लड़की के मिले हुए टुकडो को अस्पताल में जांच के लिए भेज दिया है इस
इलाके की सुरक्षा दीवार वन अधिकारी, BMC और कलेक्टर के विवाद के चलते
रुका हुआ है वन अधिकारियों ने कहा की बस्ती वालों ने इस घटना का
जिम्मेदार प्रशासन व वन अधिकारीयों को बताया है, यह आरोप पूरी तरह से अवैध है यहाँ
तबेले है और जब कोई जानवर मर जाता है तो है तो वो उसे जंगल में फेक
देते है जिसकी वजह से तेंदुआ बाहर आता है दिन में वो आराम करता है
और रात में शिकार करता है सुरक्षा दीवार की प्रॉब्लम है स्थानिक
अतिक्रमण होने के वजह से हम जब वो दीवार बनाने जाते है तो वहा के रहिवासी
हमें बनाने नहीं देते है
हमको यहाँ सुरक्षा दीवार बना दो और लाइट लगा दो हम टोइलेट के लिए गए थे लड़की पास ही थी | पीछे से कब आया और उठा ले गया पता नहीं चला जब आवाज़ आयी तो उसे उठाकर जंगले में ले गया और सब उसके पीछे भागे यहाँ दिवार बनानी चाहिए हमारे और भी बच्चे है यहाँ पर सुरक्षा दीवार बनानी चाहिए और जाली लगानी चाहिए अगर हमारी बस्ती वास्तविक रूप से फोरेस्ट में आती है तो जो बड़े-बड़े टॉवर बने है क्या वो फोरेस्ट में नहीं आते क्या ? हम गरीब लोग ही फोरेस्ट में आते है क्या? गरीब जनता कब-तक मरती रहेगी? यहाँ हमे १२ साल हो गया है हमारे झोपड़े तोड़कर कहते है ये झोपड़े अवैध हैं ये फोरेस्ट की जगह है जब यहाँ नई बिल्डिंग्स बनी तो वो फोरेस्ट में नहीं आती क्या ? हमारे झोपड़े ही फोरेस्ट में आते है हमारी मांग है की हमें यहाँ रहने के लिए सुविधाए देनी चाहिए इस घटना से स्थानिक रहिवासियो में डर का माहौल बना हुआ है क्योकि संजना के साथ हुई इस घटना से अब उस तेंदुए के मुह में इन्सान का खून लग गया है और अब अगर प्रशासन ने जल्द-से-जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिए तो वो तेंदुआ फिर से इस बस्ती में लौटकर आएगा और भी लोगो को अपना शिकार बना सकता है
हमको यहाँ सुरक्षा दीवार बना दो और लाइट लगा दो हम टोइलेट के लिए गए थे लड़की पास ही थी | पीछे से कब आया और उठा ले गया पता नहीं चला जब आवाज़ आयी तो उसे उठाकर जंगले में ले गया और सब उसके पीछे भागे यहाँ दिवार बनानी चाहिए हमारे और भी बच्चे है यहाँ पर सुरक्षा दीवार बनानी चाहिए और जाली लगानी चाहिए अगर हमारी बस्ती वास्तविक रूप से फोरेस्ट में आती है तो जो बड़े-बड़े टॉवर बने है क्या वो फोरेस्ट में नहीं आते क्या ? हम गरीब लोग ही फोरेस्ट में आते है क्या? गरीब जनता कब-तक मरती रहेगी? यहाँ हमे १२ साल हो गया है हमारे झोपड़े तोड़कर कहते है ये झोपड़े अवैध हैं ये फोरेस्ट की जगह है जब यहाँ नई बिल्डिंग्स बनी तो वो फोरेस्ट में नहीं आती क्या ? हमारे झोपड़े ही फोरेस्ट में आते है हमारी मांग है की हमें यहाँ रहने के लिए सुविधाए देनी चाहिए इस घटना से स्थानिक रहिवासियो में डर का माहौल बना हुआ है क्योकि संजना के साथ हुई इस घटना से अब उस तेंदुए के मुह में इन्सान का खून लग गया है और अब अगर प्रशासन ने जल्द-से-जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिए तो वो तेंदुआ फिर से इस बस्ती में लौटकर आएगा और भी लोगो को अपना शिकार बना सकता है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें