13/7 के मुंबई ब्लास्ट को आज एक साल हो गया लेकिन जिन्होंने पिछले साल के ब्लास्ट में अपने करीबियों को खोया है या जो उस ब्लास्ट के चश्मदीद
गवाह रहे हैं क्या वे इस ब्लास्ट को कभी भूल सकते हैं पिछले साल मुंबई में कुछ - कुछ मिनट के अंतराल पर झवेरी बाजार ऑपेरा हाउस और दादर में तीन ब्लास्ट
हुए थे इनमें 27 लोग मारे गए थे और कई दर्जन घायल हो गए थे और BJP नेता किरीट सोमैया और राज पुरोहित ने ब्लास्ट में मरने वाले को श्रन्धांजलि दी
इन तीनों ब्लास्ट को अंजाम देने में जिस तरह की मोडस ऑपरेंडी अपनाई गई, उस आधार पर जांच एजेंसियां पहले ही दिन इस निष्कर्ष पर पहुंच गई थी कि इन धमाकों के पीछे यासीन भटकल का हाथ है पर एक साल बाद आज भी इंडियन मुजाहिदीन का यह खतरनाक सरगना पुलिस की गिरफ्त से बाहर है हालांकि महाराष्ट्र एटीएस ने इन धमाकों में शामिल होने के आरोप में नकी अहमद नदीम अख्तर शेख कंवल नयन पतरीचा,हारून रशीद व काफिल सिद्दकी को गिरफ्तार किया है पर हकीकत में जिन पाकिस्तानियों वकास शेख व तबरेज ने यासिन भटकल के साथ मिलकर पिछले साल 13/7 को दादर जवेरी बाजार व ऑपेरा हाउस में बम रखे, उनमें से कोई भी अभी तक पकड़ा नहीं गया है


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