आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू का ऐलान कर दिया है देश के आर्थिक हालात में सुधार लाने की दिशा में पॉलिसी रिव्यू के तहत केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है जून से यह दूसरी बार है जब प्रमुख दरें नहीं बदली गईं वहीं, बैंक ने एसएलआर में एक पर्सेंट की कटौती की है
एसएलआर
की मौजूदा दर 24 पर्सेंट थी जो अब घटकर 23 पर्सेंट हो गई है एसएलआर वह दर
होती है जिसपर बैंकों को अपनी तरलता का एक अनुपात केंद्रीय बैंक के पास
रखना होता है। इसके तहत सोना, नकदी या सरकारी प्रतिभूतियां रखनी होती हैं हालांकि कमर्शल बैंकों को उम्मीद थी कि सीआरआर में 0.50 पर्सेंट की कटौती का ऐलान किया जा सकता है
आरबीआई ने प्रमुख पॉलिसी दरों में बदलाव नहीं किया। यानी रीपो रेट 8 पर्सेंट पर बरकरार है और नकद रिजर्व रेश्यो(सीआरआर) 4.75 पर्सेंट पर बनी रहेगी बैंकों को अपनी डिपॉजिट्स का एक निश्चित अनुपात आरबीआई के पास रखना होता है जिसे सीआरआर कहते हैं। अगर सीआरआर में कटौती की जाती तो बैंकों के पास ऋण योग्य राशि बढ़ जाती। ऐसा होने पर बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ जाती लेकिन, आरबीआई गवर्नर डी.सुब्बाराव का फोकस महंगाई काबू करने पर रहा
आरबीआई ने प्रमुख पॉलिसी दरों में बदलाव नहीं किया। यानी रीपो रेट 8 पर्सेंट पर बरकरार है और नकद रिजर्व रेश्यो(सीआरआर) 4.75 पर्सेंट पर बनी रहेगी बैंकों को अपनी डिपॉजिट्स का एक निश्चित अनुपात आरबीआई के पास रखना होता है जिसे सीआरआर कहते हैं। अगर सीआरआर में कटौती की जाती तो बैंकों के पास ऋण योग्य राशि बढ़ जाती। ऐसा होने पर बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ जाती लेकिन, आरबीआई गवर्नर डी.सुब्बाराव का फोकस महंगाई काबू करने पर रहा
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