शनिवार, 7 सितंबर 2019

राज्य पुलिस दल में संख्या बल की जरूरत


मुंबई:- राज्य के आर्थिक अपराध शाखा का सशक्तीकरण करने की जरूरत के साथ उनके हक के घर का भी बंदोबस्त करना जरूरी है । राज्य पुलिस दल की संख्या को बढ़ाने की भी जरूरत है राज्य में अभी 1 लाख लोगो की जनसंख्या पर 170 पुलिस की संख्या है अंतरराष्ट्रीय मानक के मुताबिक यह संख्या बहुत कम है। राज्य में अभी 1 लाख 78 हजार 4 सौ 19 पुरुष पुलिस व 26 हजार 2 सौ 36 महिला पुलिस है इसमें 1 हजार 743 और 24 हजार 204 पुलिस कर्मचारी है इतनी कम संख्या होने से पुलिस को दिन रात ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ती है जिसके वजह से पुलिस पर हमेशा तनाव बना रहता है ।

राज्य के अन्य सरकारी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग लागू हो गया है लेकिन  पुलिस दल में सांतवा वेतन आयोग की सिफारिश को  अभी तक पूरी तरह से लागू नही हुआ है आयोग की इस कार्यवाही के बाद सम्मान जनक वेतन मिले ऐसी आशा पुलिस दल कर रहा है इसके अलावा पूरे देश में सायबर क्राइम की संख्या बढ़ती जा रही हैं इसको ध्यान में रखकर राज्य की आर्थिक राजधानी मुंबई में 4 सायबर क्राइम पुलिस स्टेशन बनाने की योजना अभी तक कागज पर ही है एटीएस के लिए नया मुख्यालय बनाने की योजना भी अभी तक कागज पर ही विद्यमान है आर्थिक गुनाहों पर नजर रखने के लिए आर्थिक अपराध शाखा का सशक्तिकरण करना जरूरी है इसके लिए 300 करोड़ रुपये की आवश्यकता है ऐसा जानकारों का कहना है ।

आधुनिक यंत्रों की जरूरत 

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पूरी तरह से सीसीटीवी लगाया गया है लेकिन इनकी गुडवत्ता ठीक नही है ऐसी शिकायत पुलिसवालों की है इनका कहना है कि इस सीसीटीव कॅमेरे से जो रिकार्डिंग होती है उसमें गाड़ी का नंम्बर साफ दिखाई नही देता है मुंबई की धरती पर राज्य के अलग जिलों में भी आधुनिक गुडवक्ता से युक्त सीसीटीवी कॅमेरा लगाने की जरूरत है इस सबको लगाने के लिए 325 करोड़ की जरूरत है ।

पुलिस के हक का घर 

राज्य पुलिस दल में काम करनेवालो के लिए खुद का घर होना चाहिए इसके लिए राज्य सरकार ने पनवेल में जगह दिया हुआ है इस जमीन के लिए राज्य सरकार का राजस्व विभाग के अलावा अन्य विभाग के द्वारा जमीन का संपादन करना है इसके लिए गृह विभाग ने एक योजना तैयार किया है।  2019 से इस योजना की शुरुआत की जानेवाली है 43 प्रकल्पों में 21 निवासी बिल्डिंग के लिए 1696 करोड़ रुपये का काम शुरू है अकोला,गोरेगाँव, सतारा, जलगाँव, मरोल,मुलुंड,ठाणे, बीड़, नांदेड़, रायगढ़,मालेगांव,और उस्मानाबाद में गृह प्रकल्प के लिए निविदा का काम अंतिम पड़ाव पर है इसको भी गति देने की जरूरत है ।

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राज्य पुलिस दल के आधुनिकीकरण,उत्कृष्ट बनाने के लिए सुविधा देना कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना उनके लिये निवास स्थान का बंदोबस्त करना ऐसी अनेक समस्याओं पर समय समय पर घोषणा होती है इसके बावजूद धरातल पर कोई भी कार्य दिखाई नही देता है यह प्रश्न हमेशा अनुत्तरित रहता है ।
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 महत्वपूर्ण कार्य मे खर्च होने का आंकड़ा 

राज्य सरकार के बजट में गृह विभाग के लिए 13385 करोड़ का है । पुलिस स्टेशन नियंत्रण कक्ष को जोड़ने के लिए 150.52 करोड़ पुलिस स्टेशन और न्यायालय के समन्वय के लिए 25 करोड़ जिला नियंत्रण कक्ष और पुलिस स्टेशन को जोड़ने के लिए 165.92 करोड़ पुलिस स्टेशन में ई गवर्नेस  योजना के लिए 114.99 करोड़ रुपये का प्रावधान है ।

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