शनिवार, 8 जुलाई 2017

किसानों के नाम पर 328 करोड़ का कर्ज लेने वाले रत्नाकर गुंटेवर पर मामला दर्ज

किसानों के नाम पर 328 करोड़ का कर्ज लेने वाले रत्नाकर गुण्टेवर पर मामला दर्ज


मुम्बई /परभणी

किसानों के नाम पर कर्ज लेने वाले राष्ट्रीय समाज पक्ष के नेता रत्नाकर गुंटे पर मामला दर्ज किया गया है परभणी के गंगाखेड़ पुलिस स्टेसन में बुधवार को देर रात मामला दर्ज किया गया ।
पांच राष्ट्रीय और एक प्राइवेट बैंक के अधिकारियों से मिली भगत कर के गंगाखेड़ शुगर एंड एनर्जी लिमिटेड चीनी मिल के नाम पर छह जिलों के कुल 15 हजार किसानों के नाम पर 328 करोड़ का कर्ज लिया है इसका पर्दाफाश हुवा है  नकली कागजात के जरिये ये काम किया गया है जिसके चलते इन सभी किसानों को अब किसी भी बैंक से कर्ज नही मिलेगा इस मामले की जांच आर्थिक विभाग के एक वरिष्ट पुलिस अधिकारी को  24 जून को हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ ने दिया था ।

क्या है मामला

परभणी जिला गंगाखेड़ के रहने वाले अविनाश चौधरी के पास 12 एकड़ खेती है । इन्होंने अभी तक किसी भी बैंक से कभी भी कर्ज नही लिया है इसके बावजूद आज इनके नाम पर परभणी के सिंडिकेट बैंक का तीन लाख का कर्ज है । इसके  अलावा यही के पूर्व नगरसेवक  संजीवनी चौधरी के पास 10 एकड़ खेती की जमीन है संजीवनी ने अपने पेट्रौल पम्प के लिए कर्ज लिया है इसके अलावा कभी भी खेती के लिए कर्ज नही लिया है मौजूदा समय मे इनके नाम पर भी नागपुर के आंध्र बैंक का 2 लाख 85  हजार का कर्ज है ।अरुण सानप के पास10 एकड़ खेती है इनके नाम पर गंगाखेड़ बैंक ऑफ हैदराबाद के 99 हजार का कर्ज खेती के लिए लिया था। इनकी बिना जानकारी के इनके नाम पर परभणी बैंक ऑफ सिंडिकेट का 1 लाख 18 हजार का कर्ज है ।
नितिन चौधरी के पास 25 एकड़ खेती है इन्होंने खेती के लिए 90 हजार का कर्ज लिया था । इनकी भी बिना जानकारी सेनाके नाम पर परभणी बैंक ऑफ सिंडिकेट का 3 लाख का कर्ज है ।गंगाखेड़ शुगर लिमिटेड के मालिक प्रमोटर रत्नाकर गुंटे ने ही यह काम किया है इसका संदेह है ।
2014 से 2017 तक 15 हजार किसानों के नाम से नकली कागजात बनाकर 5 राष्ट्रीय बैंक और एक प्राइवेट बैंक से 328 करोड़ का कर्ज लिया गया है इन सभी मामलों का पर्दाफाश करने मे गुंटे के राजनीतिक विरोधी राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक मधुसूदन केंद्रे हैं ।एक साल पहले गंगाखेड़ के कई किसानों को खेती के लिए कर्ज लेने की जरूरत पड़ी तो उसी वक़्त इन सभी लोगों को मालूम हुआ कि सभी के नाम  पर तो पहले से ही कर्ज है । जिसके बाद कई किसानों ने इसकी तहकीकात करनी शुरू कर दी विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे ने पुलिस में भी शिकायत की थी ।गंगाखेड़ पुलिस स्टेसन में शिकायत पत्र आया उसके बाद भी तहकीकात नही हुई उसके बाद जिन लोगों की मौत हो गयी है उनके नाम पर भी कर्ज है इसका पर्दाफाश हुवा फिर विधायक मधुसूदन केंद्रे ने बैंक से पत्र ब्यवहार जानकारी लेने का प्रयास किया बैंक ने उनको जानकारी देने से इनकार कर दिया ।इस प्रकरण में फंसे किसानों में परभणी , उस्मानाबाद ,बीड़, लातूर , नांदेड़, अकोला, के किसानों का समावेश है जिन बैंकों ने इन लोगों को फंसाया है वो हैं परभणी सिंडिकेट बैंक , यूको बैंक गंगाखेड़ , लातूर नांदेड़  बैंक ऑफ इंडिया की अम्बाजोबाई शाखा आंध्र बैंक की नागपुर शाखा यूनाइटेड बैंक की नागपुर शाखा रत्नाकर बैंक ऑफ मुम्बई इन सभी बैंकों का समावेश है । मौजूदा समय मे अगर किसानों या आम जनता को अगर 50 हजार रुपये का बैंक से कर्ज लेना हो तो बैंक में चक्कर मार मार कर परेशान होना पड़ता है इतना बड़ा घोटाला ऐसे ही नही हुआ होगा इसमे बैंक के अधिकारियों को भी तगड़ी मलाई मिली होगी । इसके लिए गंगाखेड़ की ही शुगर मिल ही क्यों इसके भी अलावा महाराष्ट्र में अनेकों शुगर मिल हैं ।बिना कर्ज लिए हुए भी कर्जदार हैं इसकी जानकारी मिलने के बाद गंगाखेड़ के 7 किसानों ने  हाई कोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में याचिका दाखिल की हुई थी इस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस महासंचालक को आर्थिक विभाग से जांच करवाने का आदेश दिया बैंक ने केवाईसी और आडिड रिपोर्ट के साथ 25 जुलाई  तक रिपोर्ट देने के लिए कहा है रत्नाकर गुंटे से महानगर संवाददाता विजय कुमार यादव ने इस विषय को लेकर मोबाइल पर सम्पर्क करने की कोशिश की उनका संपर्क नही हो पाया उनसे संपर्क करने की कोशिश जारी है ।

गंगाखेड़ शुगर के लिए बैंकों ने क्या क्या किया

एक भी दिए गए कर्ज में नियम के अनुसार 20 प्रतिशत डिपॉजिट लिया जाता है नही लिया है । किसी भी खातों के केवाईसी भी  नही किया है कर्ज लेने वाले ने बैंक को कर्ज लेने के लिए कोई भी आवेदन नही दिया है फिर भी बैंक ने उसको कर्ज दिया है ।31 मार्च 2017तक गंगाखेड़ शुगर मिल ने 2 हजार 607 कर्जदारो के लिए हामी भरी थी इसकी सिविल रिपोर्ट (क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड  ) नही आई है खेती के कर्ज देने के महत्व से ज्यादा का कर्ज दिया गया है ।कर्जदारो से कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक की जो भी नियम हैं उनका पालन नही किया गया है । इसके अलावा जो भी उल्टा पुल्टा कागजपत्र गंगाखेड़ शुगर मिल ने दिया है उसी को आधार मानकर कर्ज देने की बहुत बड़ी गलती की गई है । कर्ज देते समय किसानों से उनकी खेती की जमीन का पेपर भी नही लिया गया है । जिन किसानों ने खेती ही नही की है उनको भी कर्ज दे दिया है । कर्ज की रकम कर्ज लेने वाले किसानों के बचत बैंक खातों में जमा किया गया है उसके बाद तुरंत गंगाखेड़ शुगर मिल के करंट खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है । जो कर्ज लिया गया है वो कर्ज उस काम के लिए प्रयोग नही किया गया है वह कर्ज गंगाखेड़ शुगर मिल ने प्रयोग किया है सिंडिकेट बैंक ने किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर किसान के नाम से मंजूर कर्ज को गंगाखेड़ शुगर मिल ने पहले कर्ज लिया था उसकी क़िस्त के लिए प्रयोग किया । कर्ज देते समय कोई भी करारनामा किसी का भी हस्ताक्षर सिक्का या कर्ज लेने वाले कि सहमति पत्र नही लिया गया और कर्ज लेने वाले का किसी प्रकार का कोई कागजात भी नही लिया गया है । कर्ज मंजूर करने की कोई भी रिपोर्ट नही है कर्ज देने के बाद किसानों के बचत खाते में जमा किया और उनकी बिना अनुमति से वो रकम गंगाखेड़ शुगर मिल के खाते में ट्रांसफर कर दिया ।जिसके चलते किसान को नही गंगखेड़ शुगर मिल को फायदा हुआ ।अनेक किसानों को बैंक के कार्यक्षेत्र के बाहर जाकर भी कर्ज दिया ।

कौन है रत्नाकर गुंटे ?

रत्नाकर गुंटे परली तालुका के   दैठन घाट का रहने वाला है परली के थर्मल पावर प्रोजेक्ट पर काम करता था थर्मल स्टेसन की छोटा मोटा काम लेने की शुरुवात की इसके बाद गुंटे बहुत बड़ा कांट्रेक्टर बन गया सुनील हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से गुंटे ने देशभर में कई विजली के प्रोजेक्ट में काम किया है । रत्नाकर गुंटे अजित पवार के करीबी था गंगाखेड़ शुगर मिल का उद्घाटन शरद पवार ने किया था । इसकी पत्नी सुधामती गुंटे राष्ट्रवादी कांग्रेस की महिला विंग की प्रदेश के महासचिव थी । अभी रत्नाकर गुंटे महादेव जानकर के साथ राष्ट्रीय समाज पक्ष में  है पिछला विधानसभा चुनाव गुंटे ने राष्ट्रीय समाज पक्ष से लड़ा भी था । किस बैंक ने कितने का घोटाला कर कर्ज दिया है उसकी पूरी लिस्ट ...

बैंक का नाम और कर्ज की रकम 1)आंध्र बैंक 39.17 करोड़
२)यूको बैंक 47.78 करोड़
3)यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया 76.32 करोड़
4) बैंक ऑफ इंडिया 77.59 करोड़
5)सिंडिकेट बैंक 47.27 करोड़
6)रत्नाकर बैंक 40.2 करोड़
कुल 328 करोड़ का घोटाला सभी लोगों ने मिलकर किया है

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